Khabarwala 24 News New Delhi : Kailash Mansarovar Yatra इस साल जून से नाथुला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने वाली है। 2017 में डोकलाम गतिरोध और कोविड-19 महामारी के कारण पांच साल तक निलंबित रहा था। सिक्किम में भारत-चीन सीमा के माध्यम से अंतिम तैयारियां जोरों पर है जिसमें बुनियादी ढांचे का निर्माण पूरा होने वाला है। निर्माण कार्यों के श्रम प्रभारी सुनील कुमार के अनुसार, अनुकूलन केंद्रों का जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण अगले चार से पांच दिनों के भीतर पूरा होने की उम्मीद है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारी (Kailash Mansarovar Yatra)
सुनील कुमार ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा जल्द ही शुरू होने वाली है। अनुकूलन केंद्रों का जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण अगले चार से पांच दिनों के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। मार्ग के साथ अनुकूलन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। अनुकूलन केंद्र में कुल 50-60 लोग होंगे। मार्ग के किनारे दो अनुकूलन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं- एक 16वें मील (10,000 फीट) पर और दूसरा कुपुप रोड (14,000 फीट) पर हंगू झील के पास।
रूट पर होंगी ये सुविधाएं उपलब्ध (Kailash Mansarovar Yatra)
प्रत्येक केंद्र में दो पांच-बिस्तर वाली और दो दो-बिस्तर वाली इमारतें होंगी, साथ ही तीर्थयात्रियों के लिए एक चिकित्सा केंद्र, कार्यालय, रसोई और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी होंगी। स्थानीय निवासी और 2016 की यात्रा में भाग लेने वाले आईके रसैली ने इसके फिर से खुलने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पर्यटन फिर से शुरू होगा और स्थानीय आजीविका में सुधार होगा। सिक्किम मार्ग अपनी अच्छी सड़क कनेक्टिविटी के कारण सुरक्षित और सुलभ बना है।
विधायक भूटिया ने जताया आभार (Kailash Mansarovar Yatra)
काबी लुंगचोक के विधायक थिनले शेरिंग भूटिया ने भी सिक्किम के रास्ते यात्रा को फिर से खोलने की पहल करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों का आभार व्यक्त किया। भूटिया ने कहा, सिक्किम एक शांतिपूर्ण राज्य है, जहां आतंकवादी गतिविधियों का कोई इतिहास नहीं है, जिससे मानसरोवर तीर्थयात्रियों के लिए सबसे सुरक्षित मार्ग बन जाता है। आश्वासन दिया कि यात्रा शुरू होने से पहले मार्ग पर शौचालय और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी।
तीर्थयात्रियों के लिए होंगे फायदे (Kailash Mansarovar Yatra)
यात्रा के लिए नाथुला मार्ग को फिर से खोलने का मामला पहले सिक्किम के राज्यसभा सांसद डी.टी. लेप्चा ने संसद में उठाया था, जिसके बाद भारत सरकार और सिक्किम सरकार के बीच समन्वित प्रयास किए गए। नाथुला के रास्ते यात्रा को फिर से शुरू करने से न सिर्फ तीर्थयात्रियों के लिए एक आध्यात्मिक मार्ग उपलब्ध होगा, बल्कि पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और इस रूट पर स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को भी मजबूती मिलेगी।