Hapur News Khabarwala 24 News Hapur:अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय प्रथम ने एक युवती के साथ दुष्कर्म करने के मामले में शनिवार को निर्णय सुनाया। जिसमें न्यायाधीश ने मामले के दो आरोपी को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए 20-20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर 55-55 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
क्या है मामला
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मुकेश कुमार त्यागी ने बताया कि नगर के एक मोहल्ला निवासी व्यक्ति ने नगर कोतवाली में तहरीर दी। जिसमें उसने कहा कि उसकी पुत्री 28 मई 2011 को पूजा करने के लिए घर से मंदिर गई। जो काफी समय बीत जाने पर भी घर वापस नहीं लौटी। तीस मई 2011 की सुबह जब उन्होंने अपने घर का मुख्य द्वार खोला तो दरवाजे के पास एक पत्र पड़ा मिला। जिसमें पुत्री के अपहरण तथा दस लाख रुपये की फिरौती के मांगने के बारे में लिखा था। इस घटना को करने वाले फरमान पुत्र शफीर, नदीम पुत्र शमीम व तहजीब पुत्र कल्लू निवासी हापुड़ तथा सुहैब पुत्र सुल्तान निवासी मोहल्ला लाल बाग काली मंदिर, थाना मुगलसराय जनपद मुराबादबाद है।

पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की। मामले की जांच के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म व अपहरण का मुकदमा दर्ज किया और उसके आरोप पत्र न्यायालय में पेश किए। आरोपी नदीम घटना के समय नाबालिग पाए जाने पर उसके मामले की सुनवाई के लिए पत्रवाली किशोर न्याय बोर्ड के लिए भेज दी गई। वहीं दूसरे आरोपी तहजीब के मामले की पत्रवाली किसी कारण के चलते अन्य दो आरोपियों से अलग कर दी गई। जिसके चलते आरोपी फरमान व सुहैब के मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय प्रथम में चल रही थी। उनके द्वारा न्यायालय में मजबूत साक्ष्य व कई गवाह पेश किए।
न्यायाधीश ने सुनाई सजा
उन्होंने न्यायालय से कहा कि आरोपी ने पीडि़ता के साथ दुष्कर्म जैसा गंभीर अपराध किया है। इसलिए आरोपी को अपराध की प्रकृति देखते हुए अधिकतम दंड से दंडित किया जाए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश डा. रीमा बंसल ने आरोपी फरमान व सुहैब को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। अर्थदंड जमा न करने पर दोषी को आठ माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।