Hapur News Khabarwala24 News Hapur: समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने जीएसटी को PMLA (ED) के अंतर्गत लाने के विरोध में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिला मुख्यालय पर सौंपा। उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की कि इस फैसले को तुरंत वापस कराया जाए।
बृहस्पतिवार को सपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पर पहुंचे और प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि व्यापारी अहित में 8 जुलाई, 2023 गुरुवार की रात्रि में भारत सरकार केंद्रीय वित्त मंत्रालय (राजस्व विभाग) द्वारा एक अधिसूचना जारी कर गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स नेटवर्क (GSTN ) को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2001 (Prevention of Money Laundering Actor PMLA) के तहत डाल दिया गया है।यह धारा 65 की उपधारा (1) (i) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए शामिल करने का फैसला लिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब जीएसटी से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate or ED) सीधा दखल दे सकेगी।
व्यापारी या संस्था के खिलाफ सीधे कार्यवाही कर सकती है
ज्ञापन में बताया गया कि GST में PMLA के अंतर्गत ED के दखल हो जाने से षडयंत्र के तहत किसी फर्म, व्यापारी या संस्था के खिलाफ सीधे कार्यवाही कर सकती है, जिसके तहत सरकार या सार्वजनिक प्राधिकरण को व्यापारियों द्वारा कानूनी तरीके से कमाए गए धन और संपत्ति की जब्त करने का अधिकार दिया गया है, जोकि सरासर गलत है, इस व्यापारी विरोधी फैसले का समाजवादी व्यापार सभी कड़े शब्दों में निन्दा और विरोध करती है।
इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा
ज्ञापन में बताया गया कि GST में PMLA के अंतर्गत ED के तहत लाने की अधिसूचना सरकार के व्यापारी समस्याओं के प्रति संवेदनहीनता को उजागर करती है। इससे इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार बढ़ेगा, जिससे व्यापारी अपना व्यापार बंद करने को मजबूर हो जाएंगे, पहले से ही भोले भाले व्यापारियों को बर्बाद करने वाली विसंगतिपूर्ण और जटिल जीएसटी को अब ईडी के तहत लाने के सरकार के फैसले की व्यापारी समाज निंदा करता है, यह फैसला व्यापारियों की रीढ़ की हड्डी तोड़ने वाला फैसला होगा। इस फैसले से इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा तत्पश्चात अधिकारी हमारे व्यापारी की मेहनत से अर्जित धन और संपति को टैक्स चोरी से कमाई गई संपत्ति कहकर और डरा कर धमकाकर व्यापारियों का शोषण एवं दोहन करेंगे।
फैसला वापस लिया जाए
ज्ञापन में बताया गया कि विदित हो कि अभी फर्म पंजीयन सत्यापन के नाम पर सेंट्रल एवं स्टेट जीएसटी के अधिकारियों द्वारा व्यापारियों को उत्पीड़ित करने की शिकायत लगातार आ रही है, तभी GSTN को PMLA में शामिल करने से और ED सीधा व्यापारियों पर हस्तक्षेप करने की ताकत देने से अब यह स्थिति कोढ़ में खाज का काम करेगा, इससे व्यापारियों उत्पीड़न बढ़ेगा। सपा कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन माध्यम से मांग की है कि तत्काल केंद्र सरकार को इस व्यापारी विरोधी फैसले को वापिस लेने का निर्देश देकर व्यापारी समाज को राहत दिलवाने का कष्ट करें।
यह रहे मौजूद
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष बब्लू प्रधान गुर्जर, निर्वतमान जिलाध्यक्ष गौरव गोयल, मोहम्मद बिलाल एडवोकेट, पुरुषोत्तम वर्मा एडवोकेट, अंकित भड़ाना, रेशना यादव, मिथलेश गौतम, अब्दुलचौधरी, मोनू गौतम, वकील सिद्दकी, प्रदीक बंसल, रिंकू चौधरी समेत अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।