कमर दर्द कर रहा परेशान? दो आसान तरकीब कारगर, दिमाग से है सीधा कनेक्शन!

-Advertisement-
-Advertisement-
Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
-Advertisement-

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (khabarwala24)। कमर दर्द आज सिर्फ एक स्वास्थ्य समस्या नहीं, बल्कि आधुनिक जीवन की थकान का प्रतीक बन चुका है। घंटों तक कंप्यूटर पर काम करना, तनाव भरी दिनचर्या, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधि का अभाव—ये सब मिलकर पीठ को ऐसा दर्द देते हैं, जो धीरे-धीरे हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डालता है। लेकिन एक नई वैज्ञानिक रिपोर्ट उम्मीद की नई किरण लेकर आई है। जेएएमए नेटवर्क ओपन में प्रकाशित एक अध्ययन ने बताया कि राहत दवाइयों में नहीं, बल्कि हमारे मन और विचारों में छिपी हो सकती है।

770 प्रतिभागियों पर किए गए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि माइंडफुलनेस-बेस्ड थेरेपी (एमबीटी) और कोग्नेटिव बिहेवियरल थेरेपी (सीबीटी) दोनों ने ही निचले हिस्से के कमर दर्द को उल्लेखनीय रूप से कम किया। यह सुनने में भले ही अचरज लगे, लेकिन सच यह है कि कई बार शरीर का दर्द हमारे मानसिक तनाव और भावनात्मक बोझ से गहराई से जुड़ा होता है।

माइंडफुलनेस-आधारित थेरेपी का सिद्धांत सीधा है। वर्तमान क्षण में जीना और अपने शरीर के प्रति काइंड रहना और अपनी महत्ता को महसूस करना, थेरेपी आपको सिखाती है कि दर्द को दुश्मन की तरह नहीं, बल्कि एक संकेत की तरह देखें। जब मन शांत होता है, शरीर तनाव मुक्त होने लगता है और मांसपेशियों में कसाव कम होता है। गहरी सांस, आंखें बंद कर बैठना और हर श्वास को महसूस करना—ये छोटी-छोटी क्रियाएं बड़ी राहत का कारण बन सकती हैं।

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (सीबीटी) दर्द पर नहीं, बल्कि दर्द के प्रति हमारी सोच पर काम करती है। यह हमें सिखाती है कि “मैं चल नहीं सकता” या “मेरा दर्द कभी ठीक नहीं होगा” जैसी नकारात्मक धारणाएं असल में तकलीफ को और बढ़ाती हैं। जब इन विचारों की जगह “मैं ठीक हो सकता हूं” और “मेरा शरीर मजबूत है” जैसे विश्वास आते हैं, तो दर्द की तीव्रता भी कम होती महसूस होती है।

यह अध्ययन बताता है कि जिन लोगों ने आठ सप्ताह तक एमबीटी या सीबीटी का अभ्यास किया, उन्होंने न केवल दर्द में कमी महसूस की, बल्कि बेहतर नींद, मूड और जीवन की गुणवत्ता की भी रिपोर्ट दी। सबसे खास बात—इन उपायों में दवा, इंजेक्शन या सर्जरी शामिल नहीं था। सिर्फ मन और शरीर के बीच संवाद को मजबूत करने का अभ्यास था।

इन तरीकों को अपनाने के लिए किसी महंगे उपकरण की जरूरत नहीं। दिन में 10 मिनट शांत बैठकर सांसों पर ध्यान देना या किसी प्रशिक्षित विशेषज्ञ के सीबीटी ऑडियो सत्र सुनना ही शुरुआत हो सकती है। शरीर की सीमाओं को स्वीकारते हुए हर दिन छोटे-छोटे बदलाव करना ही असली उपचार है।

कमर दर्द सिर्फ हड्डियों का नहीं, आदतों का भी मामला है। जब हम अपने ख्यालों और भावनाओं को संतुलित रखते हैं, तो शरीर भी धीरे-धीरे अपनी मरम्मत शुरू कर देता है।

Source : IANS

डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में Khabarwala24.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर Khabarwala24.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है।

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Khabarwala24 पर. Hindi News और India News in Hindi  से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

-Advertisement-

Related News

-Advertisement-

Breaking News

-Advertisement-