नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (khabarwala24)। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को डेटा को नया तेल और डेटा केंद्रों को नई रिफाइनरियां बताया।
‘एनडीटीवी वर्ल्ड समिट’ में केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने सरकार के आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण पर जोर देते हुए कहा कि भारत आने वाले वर्षों में महत्वपूर्ण खनिजों और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य रखता है।
उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे देश का टैलेंट देश के बाहर जाने के बजाय देश में ही अवसरों को पाएं।”
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार टेक्नोलॉजी के माध्यम से वित्तीय सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाने के अपने प्रयास के तहत डिजिटल क्रेडिट पर बड़ा कदम उठा रही है।
देश में 5जी नेटवर्क के तेज और कुशल क्रियान्वयन की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की इस उपलब्धि ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भारत ने 5जी को इतनी तेजी से लागू किया कि दुनिया चकित रह गई। हमारे पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा 5जी नेटवर्क है। इससे हमें दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचने में मदद मिली। देश का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा 5जी नेटवर्क से जुड़ा है।”
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने एआई के क्षेत्र में भारत की बढ़ती उपस्थिति पर भी प्रकाश डाला और घोषणा की कि बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप सर्वम इस साल दिसंबर या अगले साल जनवरी तक अपना स्वदेशी एआई मॉडल लॉन्च करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह सर्वम के मॉडल के लॉन्च होने के बाद उसका उपयोग करने के लिए उत्साहित हैं।
केंद्रीय मंत्री ने विशाखापत्तनम में 15 अरब डॉलर के निवेश से एक एआई हब स्थापित करने के गूगल के प्रस्ताव की भी प्रशंसा की और दावा किया कि इससे भारत में एआई रिसर्च के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा, “हमारे देश में कंप्यूटर सुविधाओं का होना बेहद जरूरी है। इनके उपलब्ध होने के बाद क्वालिटी रिसर्च करने और एआई एप्लीकेशन बनाने की क्षमता में सुधार होगा।”
केंद्रीय मंत्री वैष्णव के अनुसार, दूरसंचार तकनीक के संदर्भ में 6जी, मौजूदा 4जी और 5जी नेटवर्क की पूरी तरह से जगह ले लेगा।
उन्होंने कहा, “6जी पूरी तरह से अलग होगा। आपके हाथ में जो कुछ भी होगा, वह उस नेटवर्क का हिस्सा होगा।”
केंद्रीय मंत्री ने दुनिया भर में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में भारत के नेतृत्व पर जोर दिया और बताया कि वर्तमान में 13 से अधिक देश भारत के यूपीआई फ्रेमवर्क का उपयोग कर रहे हैं और 50 से अधिक देशों ने आधार फ्रेमवर्क को लागू करने में रुचि दिखाई है।
Source : IANS
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