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होम्योपैथी अनुसंधान वैज्ञानिकों के लिए मणिपाल में ‘जैव सुरक्षा और प्रकोप सिमुलेशन प्रशिक्षण’ शुरू

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (khabarwala24)। आयुष मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) ने मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी (एमएएचई) की घटक इकाई, मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एमआईवी) के सहयोग से एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। इसका आयोजन 6 से 10 अक्टूबर तक एमएएचई परिसर मणिपाल कर्नाटक में हो रहा है।

यह ‘जैव सुरक्षा और प्रकोप सिमुलेशन प्रशिक्षण 2025’ शीर्षक वाली पांच दिवसीय आवासीय कार्यशाला है।

कार्यशाला का उद्घाटन सीसीआरएच के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। उन्होंने एक सामर्थ्यवान स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के निर्माण के लिए सीसीआरएच और एमएएचई के बीच सहयोग के बारे में लोगों को विस्तार से बताया।

उन्होंने उभरते स्वास्थ्य संकटों से निपटने के लिए अनुसंधान वैज्ञानिकों को आवश्यक कौशल से लैस करने की आवश्यकता पर बल दिया और संक्रामक रोगों तथा वैश्विक महामारियों से निपटने में होम्योपैथी की क्षमता का उल्लेख किया।

एमआईवी के निदेशक डॉ. चिरंजय मुखोपाध्याय ने सभी गणमान्य व्यक्तियों और अतिथियों का स्वागत किया।

यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम सीसीआरएच के अनुसंधान वैज्ञानिकों की क्षमता को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। इसका प्राथमिक उद्देश्य तैयारियों, जैव सुरक्षा प्रथाओं और रोगों के प्रकोप की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमताओं को मजबूत करना है, जिससे आयुष मंत्रालय के तहत लोक स्वास्थ्य संबंधी पहलों को बल मिल सके।

इस क्षमता-निर्माण कार्यक्रम ने पूरे देश में व्यापक रुचि पैदा की है। सीसीआरएच के 33 संस्थानों और इकाइयों के अनुसंधान वैज्ञानिकों ने इसमें भाग लेने के लिए आवेदन किया था, जिनमें से गहन ऑनलाइन मूल्यांकन के बाद 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 30 प्रतिभाशाली अनुसंधान वैज्ञानिकों का चयन किया गया है।

इस अवसर पर, अनुसंधान, शिक्षा और प्रशिक्षण के प्रमुख क्षेत्रों में उपयोगी सहयोग को सुगम बनाने के लिए सीसीआरएच और एमएएचई के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया गया। इस पर डॉ. सुभाष कौशिक और एमएएचई के रजिस्ट्रार डॉ. पी गिरिधर किनी ने हस्ताक्षर किए।

एमएएचई में स्वास्थ्य विज्ञान के प्रो-वाइस चांसलर, डॉ. शरत कुमार राव ने सहयोगी अनुसंधान परियोजनाओं में हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम डॉ. सुहाना पी अजीस, डॉ. श्रीकांत गोपीनाथन पिल्लई, डॉ. सुधीश एन और अनुप जयराम की मौजूदगी में हुआ।

Source : IANS

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