नई दिल्ली, 23 सितंबर (khabarwala24)। खाना खाने के बाद कई बार ऐसा महसूस होना कि खट्टा पानी मुंह तक वापस आ रहा है। इसे आमतौर पर एसिड रिफ्लक्स या आयुर्वेद में अम्लपित्त कहा जाता है।
यह तब होता है जब पेट में बनने वाला एसिड भोजन नली की ओर ऊपर आने लगता है, जिससे मुंह में जलन, खट्टा स्वाद और डकार जैसी शिकायतें होती हैं। यह समस्या न केवल असहज होती है, बल्कि अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे गैस्ट्राइटिस, अल्सर और अन्य पाचन संबंधी विकारों का कारण भी बन सकती है।
एसिड रिफ्लक्स के कई कारण हो सकते हैं। पेट में एसिड का अत्यधिक बनना, कमजोर पाचन शक्ति, और पेट और भोजन नली के बीच वाले वाल्व का सही तरीके से काम न करना इसके प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा, तैलीय, भारी और मसालेदार भोजन का सेवन, अधिक भोजन करना, लंबे समय तक खाली पेट रहना, तनाव, धूम्रपान, शराब का सेवन और गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव भी इस समस्या को बढ़ा सकते हैं। मानसिक तनाव और नींद की कमी भी पाचन तंत्र को कमजोर कर एसिड रिफ्लक्स को बढ़ावा देती हैं।
आयुर्वेद में अम्लपित्त को पित्त दोष की असंतुलन की स्थिति माना गया है। तीखा, गरम और खट्टा भोजन पित्त को बढ़ाता है, जिससे पेट का अम्ल ऊपर चढ़ता है और समस्या उत्पन्न होती है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से इसका इलाज घरेलू और प्राकृतिक उपायों से संभव है।
कुछ भरोसेमंद घरेलू नुस्खे जैसे कि ठंडा दूध पीना, सौंफ चबाना, जीरा पानी पीना, मुलेठी का सेवन, एलोवेरा जूस लेना, केला खाना और तुलसी की पत्तियां चबाना पाचन शक्ति को सुधारने और एसिडिटी कम करने में सहायक होते हैं। ये उपाय पेट की जलन को शांत करते हैं और पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं।
जीवनशैली में बदलाव भी इस समस्या को नियंत्रित करने में बहुत मददगार होता है। भोजन को धीरे-धीरे और छोटे हिस्सों में खाना चाहिए। खाने के तुरंत बाद न लेटें, बल्कि 30 मिनट टहलना चाहिए। मसालेदार, तैलीय और खट्टे भोजन से बचना चाहिए। योग और प्राणायाम तनाव कम करने और पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं। साथ ही, पर्याप्त नींद लेना भी आवश्यक है।
आहार में हरी सब्जियां, सलाद, मौसमी फल, अदरक, लौकी और खीरे जैसी ठंडी प्रकृति वाली चीजें शामिल करनी चाहिए। चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक का सेवन कम करना चाहिए और रोजाना पर्याप्त पानी पीना चाहिए।
समय रहते इन उपायों और सही दिनचर्या को अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है। खाना खाने के बाद बार-बार मुंह में भोजन या खट्टा पानी वापस आना केवल एक साधारण समस्या नहीं है, बल्कि यह आपके पाचन और लिवर की गड़बड़ी का संकेत भी हो सकता है। इसलिए इसे नजरअंदाज न करें और स्वस्थ जीवनशैली व आयुर्वेदिक उपचार अपनाएं ताकि भविष्य में गंभीर बीमारियों से बचा जा सके।
Source : IANS
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