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मध्य प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक किसानों की बढ़ने वाली है परेशानी: कमलनाथ

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भोपाल, 23 सितंबर (khabarwala24)। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य की मोहन यादव सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि राज्य के सोयाबीन उत्पादक किसानों की परेशानी बढ़ने वाली है। इसकी वजह राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को प्रस्ताव न भेजना है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार प्रदेश के किसानों को एक बार फिर से परेशान करने की तैयारी कर रही है। सोयाबीन की खरीद के लिए प्रदेश सरकार ने अब तक केंद्र सरकार को प्रस्ताव नहीं भेजा है। पिछले सालों में इस समय तक केंद्र सरकार को सोयाबीन खरीद का प्रस्ताव भेज दिया जाता था। पिछले साल 25 सितंबर से रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया था और 25 अक्टूबर से सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीद प्रारंभ हो गई थी।

राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आगे कहा कि साफ है कि किसानों को प्रताड़ित करने के लिए भाजपा सरकार जानबूझकर प्रस्ताव भेजने में देरी कर रही है। देरी करने से एमएसपी पर सोयाबीन की खरीद की प्रक्रिया देर से शुरू हो पाएगी और इस बीच मजबूरी में किसानों को औने पौने दाम पर बिचैलियों को सोयाबीन बेचना पड़ेगा।

वर्तमान में सोयाबीन के दामों का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि अभी मंडी में सोयाबीन का दाम 4500 रुपया प्रति क्विंटल है, जबकि सरकार की ओर से सोयाबीन का घोषित एमएसपी 5328 रुपये प्रति क्विंटल है। स्पष्ट है कि सरकारी खरीद शुरू न होने से किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। इससे पहले मूंग की खरीद के मामले में भी भाजपा सरकार ने इसी तरह का किसान विरोधी रवैया अपनाया था।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर लंबे समय तक मूंग खरीदी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को नहीं भेजा था। बाद में कांग्रेस पार्टी और किसानों के भारी विरोध के बाद सरकार ने मूंग खरीद की प्रक्रिया शुरू की थी।

किसानों को खाद समय पर न मिलने का आरोप लगाते हुए कमलनाथ ने कहा कि इसी तरह प्रदेश में जब किसानों को यूरिया की आवश्यकता थी तो समय रहते भाजपा सरकार ने प्रदेश के लिए यूरिया नहीं मंगवाया था और दो महीने तक किसानों को लगातार यूरिया के लिए संघर्ष करना पड़ा था जो अब भी जारी है। ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा सरकार जानबूझकर की खरीद और खाद उपलब्धता जैसे विषयों में देरी कर देती है और फिर इससे किसानों को जो परेशानी होती है, उससे कालाबाजारी और बिचैलियों को परोक्ष रूप से फायदा पहुंचाती है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह तय समय पर सोयाबीन खरीद का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया जाए और निश्चित समय पर एमएसपी पर सोयाबीन की खरीद सुनिश्चित की जाए।

Source : IANS

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