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गाढ़ा रक्त शरीर को बना सकता है बीमारियों का घर! समय रहते जान लें आयुर्वेदिक उपचार

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नई दिल्ली, 22 सितंबर (khabarwala24)। खून हमारे शरीर में सबसे महत्वपूर्ण है, जो रक्त वाहिकाओं में बहकर हर कोशिका तक ऑक्सीजन और पोषण पहुंचाकर जीवन को सुचारू रूप से चलाता है। हालांकि, जब यही रक्त असामान्य रूप से गाढ़ा हो जाता है, तो कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। आधुनिक जीवनशैली, गलत खानपान और लगातार तनाव इस स्थिति को और बढ़ा देते हैं।

गाढ़ा रक्त अक्सर साइलेंट रिस्क फैक्टर के रूप में कार्य करता है क्योंकि यह धीरे-धीरे स्वास्थ्य पर असर डालता है और इसके शुरुआती लक्षण तुरंत दिखाई नहीं देते।

खून गाढ़ा होने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे सामान्य कारण पानी की कमी है। अक्सर लोग मानते हैं कि केवल कोलेस्ट्रॉल या शुगर से खून गाढ़ा होता है, लेकिन पानी की कमी सबसे तेज और प्रमुख वजह है। शरीर में जल की कमी से रक्त सघनता बढ़ जाती है और यह धीरे-धीरे शारीरिक कार्यों को प्रभावित करने लगता है।

इसमें लाइफस्टाइल और उम्र भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लगातार धूम्रपान, शराब का सेवन और प्रोसेस्ड फूड रक्त को धीरे-धीरे गाढ़ा कर देते हैं। कुछ दवाइयां जैसे गर्भनिरोधक गोलियां और एस्ट्रोजन थेरेपी भी रक्त के थक्के जमने के खतरे को बढ़ाती हैं। इसके अलावा, कुछ दुर्लभ बीमारियां जैसे पॉलीसिथेमिया वेरा में शरीर अत्यधिक रेड ब्लड सेल बनाता है, जिससे सिर दर्द, चक्कर और त्वचा लाल होने जैसी समस्याएं होती हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, गाढ़ा खून ‘रक्तदोष’ से जुड़ा है, जिसमें पित्त दोष और ‘आम’ बढ़ने से रक्त असंतुलित और गाढ़ा हो जाता है। इसके कारण दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे थकान, हाथ-पांव में समस्या और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। हालांकि, सही समय पर आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

इसे नियंत्रित करने के लिए आयुर्वेद और घरेलू उपाय अत्यंत उपयोगी हैं। पर्याप्त जल सेवन, यानी प्रतिदिन 2.5-3 लीटर पानी पीना सबसे सरल और प्रभावी तरीका है। इसके अलावा, ओमेगा-3 युक्त आहार जैसे अलसी, चिया बीज, अखरोट और समुद्री मछलियां रक्त को प्राकृतिक रूप से पतला करने में मदद करते हैं। लहसुन में मौजूद एलिसिन, हरी पत्तेदार सब्जियां, नियमित व्यायाम और योग भी रक्त प्रवाह सुधारते हैं।

इसके साथ ही धूम्रपान और मदिरापान से परहेज करना आवश्यक है, क्योंकि ये रक्त को गाढ़ा और चिपचिपा बनाते हैं। मानसिक तनाव को नियंत्रित करना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अत्यधिक तनाव कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ाकर रक्त गाढ़ा कर सकता है।

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां जैसे त्रिफला, गिलोय, हल्दी, सौंफ और धनिया रक्त को शुद्ध और पतला करने में सहायक हैं। विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर अनार और आंवला भी रक्त प्रवाह को बेहतर बनाते हैं। सात्विक भोजन और नाड़ी शोधन प्राणायाम रक्त को संतुलित रखने और ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने में मदद करते हैं।

Source : IANS

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