Khabarwala 24 News New Delhi: zara hatke भारत विविधताओं वाला देश है, यहां हर राज्य और शहर में आपको अलग-अलग लोग और अलग-अलग मान्यताएं देखने को मिलेंगी। बाहरी लोगों को ये मान्यताएं अजीब लग सकती हैं, पर उस जगह के लोगों के लिए वो पवित्र होती हैं, जिनका वो सालों से पालन करते आ रहे हैं। ऐसी ही एक मान्यता भारत के एक गांव में है। इस गांव में महिलाओं से जुड़ी एक अजीब प्रथा है। इसके पीछे का कारण भी काफी चौंकाने वाला है।
पांच दिनों के लिए घर में ही रहती महिलाएं (zara hatke)
बता दें कि यह गांव हिमाचल के पिणी के कल्लू जिले में है। यहां एक त्यौहार मनाया जाता है जो पांच दिनों तक चलता है, इन दिनों में औरतें कपड़े नहीं पहनती हैं। जिसके कारण वह पांच दिनों के लिए घर में ही रहती हैं। इतना ही नहीं वो अपने पति से भी नहीं मिलती हैं।
ये त्यौहार कब मनाया जाता है ? (zara hatke)
ये त्यौहार सावन महीने के आखिरी दिनों में होता है। इन पांच दिन में पुरुषों को बहुत संयमित ढंग से रहना पड़ता है। साथ ही सभी लोगों को कई कड़े नियमों का पालन भी करना पड़ता है। महिलाओं को हंसना की भी मनाही होती है और न बात कर सकती हैं, वहीं पुरुष शराब व मांस नहीं खा सकते हैं। अगर वह लोग इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उनके गांव में बुरी घटनाएं घटेंगी और उनके जीवन में समस्याएं होंगी।
ये त्यौहार क्यों मनाया जाता है (zara hatke)
जानकारी के मुताबिक, यह प्रथा कई सालों से चली आ रही है। दरअसल, लोगों का मानना हैं कि सदियों पहले इस गांव पर राक्षस हमला करते रहते थे। वो गांव की महिलाओं से बहुत बुरा व्यवहार करते थे।
उनके अत्याचार ने एक विशाल रूप ले रहा था जिसके कारण लाहू घोंड देवता प्रकट हुए और भाद्रपद महीने के पहले दिन उन राक्षसों को मार दिया और यहां कि महिलाओं को बचाया। इस कारण ही पांच दिन के लिए यह त्योहार मनाया जाता है। महिलाओं का मानना है कि अगर वो सजे-संवरेंगी तो राक्षसों का हमला फिर से होगा।