Navratri Mahanavami Khabarwala24 New Delhi: शारदीय नवरात्रि का आज सोमवार को अंतिम दिन है। नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना होती है। इनकी पूजा उपासना करने से समस्त प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नवमी के दिन अगर केवल इन्हीं की पूजा कर ली जाए तो व्यक्ति को सम्पूर्ण देवियों की पूजा का फल मिल सकता है। इस दिन कमल के पुष्प पर बैठी हुई देवी का ध्यान करना चाहिए। देवी को विभिन्न प्रकार के सुगन्धित पुष्प अर्पित करने चाहिए। नवमी के दिन देवी को शहद अर्पित करना चाहिए। इस दिन दुर्गा सप्तशती और कवच, कीलक और अर्गला का पाठ लाभकारी होता है।
माता सिद्धिदात्री की महिमा (Navratri Mahanavami)
नवमी तिथि नवरात्रि की सम्पूर्णता की तिथि है। इसलिए इस तिथि पर पूजा करना आवश्यक है। माता सिद्धिदात्री नवदुर्गा का सम्पूर्ण स्वरुप हैं। इनकी पूजा से सम्पूर्ण देवियों की पूजा का फल मिल जाता है। इस दिन नवरात्रि की सम्पूर्णता के लिए हवन भी किया जाता है। इस दिन मध्य रात्रि में देवी की विशेष स्तुति करें। संभव हो तो कमल के पुष्प से देवी की आराधना करें।
कन्या पूजन का मुहूर्त (Navratri Mahanavami)
महानवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 27 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इसके बाद, सुबह 9 बजकर 16 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक कन्या पूजन का दूसरा मुहूर्त होगा।
कैसे करें कन्या पूजन (Navratri Mahanavami)
महानवमी की सुबह गृह प्रवेश पर कन्याओं का पूरे परिवार के साथ पुष्प वर्षा से स्वागत करें और नव दुर्गा के सभी नामों के जयकारे लगाएं। अब इन कन्याओं को आरामदायक और स्वच्छ जगह पर बिठाएं। सभी के पैरों को दूध से भरे थाल में रखकर अपने हाथों से धोएं। कन्याओं के माथे पर अक्षत, फूल या कुमकुम लगाएं फिर मां भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं। भोजन के बाद कन्याओं को अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा, उपहार दें और उनके पैर छूकर आशीष लें।
हवन का विधान (Navratri Mahanavami)
नवमी के दिन नवरात्रि की पूर्णता के लिए हवन भी किया जाता है। नवमी के दिन पहले पूजा करें, फिर हवन करें। हवन सामग्री में जौ और काला तिल मिलाएं। इसके बाद कन्या पूजन करें। कन्या पूजन के बाद सम्पूर्ण भोजन का दान करें।