Khabarwala 24 News New Delhi: white gold found दुनियाभर में वैज्ञानिक खोजों का सिलसिला लगातार जारी है, जहां एक ओर बीमारियों से निपटने के लिए दवाइयों की खोज की जा रही है, वहीं दूसरी ओर प्राचीन काल की जीवनशैली को समझने के लिए खुदाई की जा रही है। इसी क्रम में कैलिफोर्निया की साल्टन लेक से हाल ही में एक बेहद महत्वपूर्ण और रहस्यमय खजाना मिला है, जो अमेरिका के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
सफेद सोना कहा जाता है (white gold found)
दरअसल, वैज्ञानिक जब कैलिफोर्निया के साल्टन लेक की खुदाई कर रहे थे, तो उन्हें वहां 540 बिलियन डॉलर्स (लगभग 4.46 लाख करोड़ रुपये) का एक विशाल लिथियम भंडार मिला। लिथियम, जिसे ‘सफेद सोना’ कहा जाता है, दरअसल सफेद रेत जैसा दिखता है और यह इलेक्ट्रिक बैटरियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह खजाना तब सामने आया जब वैज्ञानिक साल्टन लेक के तलहटी में लिथियम के भंडार का अध्ययन कर रहे थे। पहले अनुमान था कि झील के तल में लगभग 4 मिलियन टन लिथियम हो सकता है, लेकिन जब खुदाई शुरू हुई तो यह अनुमान पूरी तरह से गलत साबित हुआ। अब विशेषज्ञों का कहना है कि झील में करीब 18 मिलियन टन लिथियम हो सकता है, जो पहले के अनुमान से कहीं अधिक है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरियां बनाने के लिए रहेगा उपयोगी (white gold found)
यह नई खोज अमेरिका के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है, क्योंकि इससे अमेरिका दुनिया में लिथियम के सबसे ज्यादा भंडार का मालिक बनने की राह में नजर आ रहा है, जिससे वह चीन को टक्कर देने में मददगार साबित होगी। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर माइकल मैककिबेन के अनुसार, यह लिथियम भंडार अमेरिका को पूरी तरह से लिथियम के मामले में आत्मनिर्भर बना सकता है और इस से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरियां बनाने के लिए भी उपयोगी रहेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस लिथियम के भंडार से 382 मिलियन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरियां बनाई जा सकती हैं, जिससे अमेरिका का रैंक चीन से भी ऊपर जा सकता है। अब इसे दुनिया में लिथियम का सबसे बड़ा स्रोत माना जा रहा है।
वायरल हो रही (white gold found)
यह महत्वपूर्ण खोज लगभग एक साल पहले ही हुई थी, जब इस विषय से संबंधित खबरें इंटरनेशनल मीडिया में आई थीं, लेकिन अब यह खबर सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हो रही है। अगर इस लिथियम खजाने का पूरा दोहन किया जाता है, तो यह अमेरिका की आर्थिक और तकनीकी शक्ति को मजबूत करेगा, और अन्य देशों के लिए भी निर्यात के रूप में फायदेमंद साबित हो सकता है।