Khabarwala 24 News New Delhi : Unique Shiva Temple शिव मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। ब्रह्मा, विष्णु और महेश यानी भोले शंकर को सृष्टि के रचयिता के रूप में देखा जाता है। भारत के कोने-कोने में भगवान शिव को महाकाल, महादेव, महाकालेश्वर, संभू, नटराज, भैरव आदि कई नामों से जाना जाता है। उनमें से एक राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध ‘श्री कोटिलिंगेश्वर स्वामी मंदिर’ है जो कर्नाटक के कोलकर के कंसामंद्र गांव में स्थित है। आज हम आपको इस मंदिर के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में आप नहीं जानते होंगे। आपको एक बात जानकर हैरानी होगी कि यहां 1 करोड़ से भी ज्यादा शिवलिंग हैं।
कोटिलिंगेश्वर स्वामी मंदिर का इतिहास (Unique Shiva Temple)
कई लोगों का मानना है कि इस पवित्र मंदिर का निर्माण वर्ष 1980 के आसपास सांभा शिव मूर्ति और उनकी पत्नी वी रुक्मणी ने किया था। कहा जाता है कि प्रारंभ में इस स्थान की स्थापना पांच शिवलिंगों के साथ की गई थी। फिर धीरे-धीरे 100 शिवलिंग, फिर एक हजार शिवलिंग और फिर इस तरह आज यहां 1 करोड़ से ज्यादा शिवलिंग स्थापित हैं। वैसे आपको बता दें, सांभा शिव मूर्ति का निधन 2018 में हो गया था, तब से यहां मौजूद उनके अधिकारी लगातार शिवलिंग की स्थापना करते आ रहे हैं।
इस मंदिर के बारे में मान्यता क्या है? (Unique Shiva Temple)
इस मंदिर के बारे में कई मान्यताएं हैं लेकिन इस मंदिर के बारे में बहुत चर्चा है, कहा जाता है कि भगवान इंद्र ने गौतम ऋषि के श्राप से मुक्ति पाने के लिए इस स्थान पर शिवलिंग स्थापित किया था। जिसके बाद इस स्थान को भारत में कोटिलिंगेश्वर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां आने वाला कोई भी भक्त अपने नाम का शिवलिंग स्थापित कर सकता है। 11 और मंदिर हैं जो बहुत प्रसिद्ध हैं। इन 11 मंदिरों में ब्रह्माजी, विष्णुजी राम-लक्ष्मण-सीता और वेंकटरमणि स्वामी प्रमुख मंदिर हैं।
मंदिर का आकार शिवलिंग आकार का
जानकारी के लिए बता दें कि मूर्ति के रूप में स्थापित शिवलिंग की ऊंचाई लगभग 108 फीट है। कहा जाता है कि अगर कोई शिव भक्त इस मंदिर में शिवलिंग स्थापित करना चाहता है तो वह अपने नाम से 1 फीट से लेकर 3 फीट तक का शिवलिंग स्थापित कर सकता है। सावन, शिवरात्रि के दिनों में यहां भक्तों की भारी भीड़ देखी जा सकती है। कहा जाता है कि शिवरात्रि के दिन भक्तों की संख्या लाखों में होती है। मान्यता है कि यहां के पेड़ पर पीला धागा बांधने से मनोकामना पूरी होती है।
कोटिलिंगेश्वर मंदिर, कोलार कैसे पहुँचें
हवाई मार्ग द्वारा: कोलार का निकटतम हवाई अड्डा बैंगलोर में स्थित है। यात्री कोलार पहुंचने के लिए हवाई अड्डे से कैब किराए पर ले सकते हैं या निजी परिवहन ले सकते हैं। रेल द्वारा: बैंगलोर, मैंगलोर, हसन, कोलार और हुबली से एक अच्छी तरह से जुड़ा हुआ रेल नेटवर्क है। सड़क मार्ग: अगर आप सड़क मार्ग से मंदिर तक पहुंचना चाहते हैं तो आपको कोलार जाना होगा। कोलार बेंगलुरु से 2.5 घंटे की दूरी पर है।