Khabarwala 24 News New Delhi : Tradition of Eating Paan पिछले कई दशक से पान खाने की परंपरा चलती आ रही है मगर इसके पीछे का कारण भी अहम है, वह है इसके औषधीय गुण धर्म। पान का पत्ता एक दिल के आकार का पत्ता है जिसमें बेमिसाल औषधीय गुण होते हैं। हिंदी में ‘पान का पत्ता’ और तेलुगू में ‘तामलपक्कू’ के रूप में भी जाना जाता है।
बहुत ही ऊपर स्थान (Tradition of Eating Paan)
पान के पत्ते के औषधीय उपयोग बेहद कम आंके जाते हैं, लेकिन यह बहुत ही प्रभावशाली होता है। पान के पत्ते पर तंबाकू, सुपारी, चूना आदि लगाकर खाने से कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी बीमारी हो सकती है। पान का धर्म संस्कृति से बहुत ही ऊपर स्थान है। कई लोग इसे खाना खाने के बाद मुखवास के लिए और खाना अच्छे से पचने के लिए खाते हैं।
पान खाने के फायदे (Tradition of Eating Paan)
पान खाने से किडनी से जुड़ी बीमारियों में राहत मिलती हैं। पथरी की समस्या में गुणकारी। दाँतों से जुड़ी समस्याएं करें दूर। मसूड़ों की सूजन में गांठ में राहत। श्वसन नली के रोगों से करें बचाव। त्वचा त्वचा का तेज बढ़ाएं और त्वचा रोगों में गुणकारी। पेशाब कम आने की समस्या को करे दूर। मुँह के छालों में फ़ायदेमंद है। भूख को बढ़ाये।
मुंह से बदबू आती है (Tradition of Eating Paan)
और यदि आपके मुंह से बदबू आती है तो आप पान का सेवन करें इससे आपके मुंह की बदबू ही दूर नहीं होगी बल्कि पारिया जैसे रोग भी दूर होते हैं। पान खाने से कब्ज जैसी समस्या दूर हो जाती है और यह आसानी से आपके खाने को पचाती है। पान में एंटीफ्लेमएंट्री और एंटीऑक्सीडेंट गुण होने के कारण इतने चीजों में सबसे ज्यादा लाभदायक है।