Khabarwala 24 News New Delhi : Research Revealed By WHO मोबाइल फोन का उपयोग ब्रेन कैंसर से जुड़ा नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है। यह अध्ययन जर्नल एनवायरनमेंट इंटरनेशनल में प्रकाशित हुआ है।
समीक्षा में पाया गया कि मोबाइल फोन उपयोग और ब्रेन कैंसर या किसी अन्य सिर या गर्दन के कैंसर के बीच कोई संबंध नहीं है। यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति 10 या उससे अधिक वर्षों तक मोबाइल फोन का उपयोग करता है। तब भी कैंसर का कोई संबंध नहीं पाया गया।
आश्वस्त करने वाले हैं रिसर्च के परिणाम (Research Revealed By WHO)
कुल मिलाकर इस रिसर्च के परिणाम बहुत आश्वस्त करने वाले हैं। इसका मतलब है कि हमारे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मानक प्रभावी हैं। मोबाइल फोन निम्न-स्तरीय रेडियो तरंगें उत्सर्जित करते हैं, जो इन सुरक्षा सीमाओं के भीतर होती हैं। इस प्रकार के संपर्क का मानव स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं होता। यह विषय पर सबसे व्यापक समीक्षा है, जिसमें 1994 से 2022 के बीच प्रकाशित 5,000 से अधिक अध्ययनों में से 63 को अंतिम विश्लेषण में शामिल किया गया है।
मोबाइल तरंगों और ब्रेन कैंसर में संबंध (Research Revealed By WHO)
मोबाइल फोन का उपयोग अक्सर सिर के पास किया जाता है और वे रेडियो तरंगों का उत्सर्जन करते हैं, जोकि गैर-आयनकारी विकिरण का एक प्रकार है। यही कारण था कि शुरुआत में मोबाइल फोन के ब्रेन कैंसर का कारण बनने की संभावना पर चर्चा शुरू हुई। हालांकि वर्षों से वैज्ञानिक सहमति यह रही है कि मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडियो तरंगों और ब्रेन कैंसर या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के बीच कोई संबंध नहीं है।
IARC का वर्गीकरण सीमित साक्ष्य पर (Research Revealed By WHO)
साल 2011 में इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने रेडियो तरंगों के संपर्क को इंसानों के लिए संभावित कार्सिनोजेन के रूप में वर्गीकृत किया था। हालांकि इस वर्गीकरण को गलत तरीके से समझा गया और इससे चिंताएं बढ़ गईं। IARC का वर्गीकरण मुख्य रूप से सीमित साक्ष्य पर आधारित था। जो मानव अवलोकनात्मक अध्ययनों से प्राप्त हुए थे। इन अध्ययनों पर यह देखा गया था कि ब्रेन कैंसर वाले लोगों ने अपने मोबाइल उपयोग की रिपोर्ट की तुलना में अधिक उपयोग किया था।
ब्रेन कैंसर का खतरा अधिक नहीं बढ़ता (Research Revealed By WHO)
इस नए रिसर्च में पहले के मुकाबले कहीं अधिक व्यापक आंकड़ों का उपयोग किया गया है। इसमें हाल के और अधिक व्यापक अध्ययनों को शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि अब हम अधिक विश्वास के साथ कह सकते हैं कि मोबाइल फोन या वायरलेस तकनीकों से रेडियो तरंगों के संपर्क में आने से ब्रेन कैंसर का खतरा नहीं बढ़ता है। इस रिसर्च ने अब तक के सबसे मजबूत साक्ष्य दिए हैं कि वायरलेस तकनीकों से निकलने वाली रेडियो तरंगें मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक नहीं हैं।
स्वास्थ्य प्रभाव का कोई प्रमाण नहीं है (Research Revealed By WHO)
हालांकि यह महत्वपूर्ण है कि शोध जारी रहे। क्योंकि तकनीक तेजी से विकसित हो रही है। रेडियो तरंगों का विभिन्न तरीकों से उपयोग हो रहा है। इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि इन तकनीकों से रेडियो तरंगों का संपर्क सुरक्षित बना रहे। हमारे सामने बड़ी चुनौती है कि नए शोध से मोबाइल फोन और ब्रेन कैंसर के बारे में फैली गलत धारणाओं और मिथकों को दूर किया जाए। वर्तमान में मोबाइल फोन से संबंधित किसी भी स्वास्थ्य प्रभाव का कोई प्रमाण नहीं है और यह एक अच्छी बात है।
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।