Khabarwala 24 News New Delhi : RADAR FOR IAF भारतीय वायुसेना के पास देश के एयर डिफेंस की जिम्मेदारी है। भारतीय सीमाओं पर कई लेयर की सुरक्षा ग्रिड की गई है। भारतीय वायुसेना के पास हर तरह रडार है। लॉंग रेंज रडार, मिडियम रेंज रडार और शॉर्ट रेंज रडार इनमें शामिल है।
इन रडार की डिप्लॉयमेंट इस तरह के की गई है कि दुशमन की हरकर इससे छिप नहीं सकती जोकि बिना किसी ब्रेक के चौबीसों घंटे एक्टिव रहते है अब भारतीय सीमा की सुरक्षा के लिए रक्षा मंत्रालय ने लो लेवल ट्रांसपोर्टेबल रडार की खरीद के लिए करार किया है। 12 मार्च को दिल्ली में रक्षा मंत्रालय ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ 2,906 करोड़ की डील पर दस्तखत किए गए हैं। यह रडार DRDO ने विकसित किया है।
क्या खासियत है रडार की? (RADAR FOR IAF)
LLTR (अश्विनी) एक एक्टिव इलेक्ट्रॉनिक फेज़्ड एरे मल्टीफंशन रडार है। इस रडार से किसी भी दुश्मन के फाइटर को ट्रैक किया जा सकता है। हाई स्पीड वाले ड्रोन, मिसाइल के साथ धीमी गति से आने वाले हेलिकॉप्टर इस रडार से बच नहीं सकता। इसकी रेंज 200 किलोमीटर की है। यह 30 मीटर से 15 किलोमीटर की उंचाई तक के इलाके को स्कैन कर सकता है। यह रडार सिस्टम ट्रक के उपर तैनात है।
‘टेरेन के वॉर जोन में तैनात (RADAR FOR IAF)
खास बात यह है इस रडार में इंटीग्रेटेड आईडेंटिफिकेशन फ्रेंड ऑर फो यानी की अपने और दुशमन के एयरक्राफ्ट की पहचान कर सकता है। यह मोबाइल रडार एडवांस इलेक्ट्रोनिक काउंटरमेजर खूबी से लेस है। इस रडार को किसी भी ‘टेरेन के वॉर जोन में तैनात किया जा सकता है। यह -20 डिग्री से 55 डिग्री के तापमान में आसानी से ऑपरेट कर सकता है। इसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।
डिजिटल बीमिंग फॉरेमेशन? (RADAR FOR IAF)
रडार का मतलब है कि कई सारे छोटे छोटे और अलग अलग एंटीना से मिलकर एक बडे एंटीने की तरह एक साथ काम करना। यह एक रिसीवर या ट्रांसमीटर से जुड़ा होता है। जब भी इस रडार को ऑन किया जाता है तो एक वेव फ्रंट बनाते हैं। चूंकि एक एंटीना से निकलने वाली रेडियो तरंगें गोलाकार होती है और जब कई एंटिना एक साथ काम करते है तो उनकी रेडियो तरंगें एक दूसरे पर सुपरइंपोज होकर एक सीधी लाईन बना देते हैं।
पूरा इलाका सिक्योर होता है (RADAR FOR IAF)
जिस ओर तरफ एंटीना को तैनात किया गया होता है वह पूरा इलाका सिक्योर हो जाता है। जैसे ही दुश्मन का कोई एयरक्राफ्ट या एरियल अटैक उस वेव फ्रंट को पार करता है तो उसकी हर जानकारी वो ट्रांसमीटर से जुड़े कंप्यूटर तक पहुंच जाती है। बीमफॉर्मिंग एक रेडियो फ्रीक्वेंसी तकनीक है जो वायरलेस सिग्नल को किसी खास रिसीविंग डिवाइस की ओर भेजने और फोकस करने के लिए कई एंटेना का इस्तेमाल करती है। यह ज्यादा भरोसेमंद डेटा ट्रांसफ़र को सक्षम बनाता है।