खबरवाला 24 गाजियाबाद: फिल्मों में कई बार अपने देखा होगा कि एक शख्स अपनी पहचान बदल लेता है और जेल स्टाफ को चकमा देकर फरार हो जाता है। ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद की डासना जेल का सामने आया है। वहां बंद दो शातिर कैदियों ने शातिरआना अंदाज में अपनी पहचान बदल ली। जमानत किसी और मिली और रिहा कोई और हो गया। मामला हापुड़ कोर्ट पहुंचा तो इसकी जानकारी मिली। इसके बाद डासना जेल के जेलर ने ताराचंद और बाबू के खिलाफ मसूरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एसीपी मसूरी निमिष पाटिल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
क्या है मामला
जेल अधीक्षक आलोक सिंह का कहना है कि पिछले साल 17 दिसंबर को हापुड़ के सिंभावली थाने की पुलिस दोनों को चोरी के एक मामले में वारंट के साथ लाई थी। वारंट के साथ कोई अन्य दस्तावेज नहीं है। जेल प्रशासन आरोपी के फोटो खींचकर दाखिल करता है। यह सब नियमानुसार होता है। इस बीच दोनों कैदियों ने अपनी पहचान बदल ली।
मास्टर माइंड हैं ताराचंद
जिस समय दोनों आरोपियों ने जेल में प्रवेश किया तो बाबू नाम के आरोपी ने प्रवेश के समय अपना नाम ताराचंद बताया था। इसी तरह ताराचंद ने अपना नाम बाबू बताया था। बाबू को 10 जनवरी को जमानत मिली तो ताराचंद जेल से छूट गया। इसकी जानकारी जब 11 जनवरी को कोर्ट में हुई तो हापुड़ पुलिस ने ताराचंद को फिर पकड़कर जेल भेज दिया। जांच में पता चला है कि यह योजना ताराचंद ने बनाई थी।