उत्तराखंड में इगास पर्व की धूम: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को दीं शुभकामनाएं

-Advertisement-
Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
-Advertisement-

देहरादून, 1 नवंबर (khabarwala24)। उत्तराखंड की देवभूमि में इगास पर्व, जिसे ‘बूढ़ी दीपावली’ भी कहा जाता है, धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति, परंपराओं और एकजुटता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा सांसद अनिल बलूनी और भाजपा सांसद त्रिवेदी सिंह गढ़वाल ने प्रदेशवासियों को इगास की शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, “देवभूमि की आत्मा उसकी समृद्ध लोक संस्कृति और परंपराओं में बसती है। इगास–बूढ़ी दीपावली इसी गौरवशाली परम्परा का प्रतीक है, जो हमारे लोक जीवन की खुशियों, आस्था और एकजुटता का उत्सव है। इस लोक पर्व की महत्ता को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हमारी सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों से इसे सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाने की परम्परा प्रारम्भ की गई है।” उन्होंने इस कदम को लोक संस्कृति के संरक्षण और प्रचार की दिशा में महत्वपूर्ण बताया।

भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “हमारी संस्कृति, हमारी विरासत, हमारी पहचान: इगास। आज जनपद पौड़ी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में स्थानीय जनता के साथ पारंपरिक भैलो नृत्य करते हुए उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति और परंपराओं के प्रतीक लोकपर्व इगास को पूरे उल्लास, उमंग और आत्मीयता से मनाया।”

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा, “आज जनपद पौड़ी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक लोकपर्व इगास उत्सव में सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस पर्व में स्थानीय नागरिकों, मातृशक्ति और युवाओं की जिस उत्साहपूर्ण, स्वेच्छा एवं आत्मीय भागीदारी को देखा, वह अत्यंत हर्ष और गर्व का विषय है।”

उन्होंने कहा, “यह देखकर हृदय आनंदित है कि अब इगास केवल एक पर्व नहीं रहा, बल्कि सम्पूर्ण उत्तराखंड का जनपर्व बन चुका है, जो हमें अपनी जड़ों, संस्कृति और सामूहिकता से जोड़ता है। ये अब हमारी पहचान बन चुकी है।”

इसी क्रम में भाजपा सांसद त्रिवेंद्र सिंह गढ़वाल ने भी एक्स पर पोस्ट किया, “गढ़वाल मंडल के हृदय-पौड़ी नगर के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में स्थानीय जनता के साथ पारंपरिक ‘इगास-बग्वाल’ पर्व उत्साह और उल्लास के साथ मनाया। लोकनृत्य, गीत-संगीत और ‘भैलो’ की मधुर गूंज से पूरा मैदान गूंज उठा।”

उनके अनुसार, यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़ने का माध्यम भी बनता है।

बता दें कि पौड़ी के रामलीला मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों स्थानीय लोग शामिल हुए। पारंपरिक वेशभूषा में सजे कलाकारों ने भैलो नृत्य, छोलिया और लोकगीतों की प्रस्तुति दी। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने एक स्वर में इस पर्व की खुशी में भाग लिया।

Source : IANS

डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में Khabarwala24.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर Khabarwala24.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है।

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Khabarwala24 पर. Hindi News और India News in Hindi  से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

-Advertisement-

Related News

Breaking News

-Advertisement-