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यूपी में नॉन-हाइब्रिड धान कुटाई में 1 प्रतिशत की रिकवरी छूट, 15 लाख किसानों को फायदा : सुरेश खन्ना

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लखनऊ, 4 नवंबर (khabarwala24)। उत्तर प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले इस साल अब तक धान की खरीद ढाई गुना ज्यादा हुई है। यह जानकारी मंगलवार को उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने लोकभवन स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। उन्होंने कहा कि चावल मिलों को नॉन-हाइब्रिड धान कुटाई में 1 प्रतिशत की रिकवरी मिलेगी, जिससे 13-15 लाख अन्नदाता किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

सुरेश खन्ना ने कहा, “धान की कुटाई हेतु रिकवरी प्रतिशत में छूट दी जा रही है। चावल मिल के लिए सबसे ज्यादा खुशखबरी यह है कि इस बार उनको भी ज्यादा चावल मिलने वाला है क्योंकि पिछले साल के मुकाबले इस साल धान की पैदावार ज्यादा और अच्छी हुई है।”

उन्होंने कहा कि जब हाइब्रिड धानों को खरीदकर चावल मिलों को दिया जाता है तो जितनी रिकवरी सोची जाती है, उतनी मिलती नहीं है, इसीलिए उनको तीन प्रतिशत की छूट भी दी जाती है।

सुरेश खन्ना ने कहा, “प्रदेश में 1,800 से ज्यादा राइस मिल का संचालन हो रहा है। इसमें लोगों को सीधा रोजगार मिलता है। इसे देखते हुए ये फैसला लिया गया है। पहले से हाइब्रिड धानों पर तीन प्रतिशत की छूट दी जा रही है, जिसकी सरकार क्षतिपूर्ति करती है।”

खन्ना ने कहा कि सरकार ने इस बार नया निर्णय लिया है कि जो मोटा धान होता है, उस पर भी एक प्रतिशत की छूट देने जा रही है, जिससे किसान और राइस मिलों को फायदा होगा। इस पर सरकार की ओर से 1.66 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। प्रदेश की खरीद शुरू हो गई है और बिना किसी परेशानी के किसान अपना धान सरकार को बेच सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस छूट से चावल मिल उद्योग लगाने के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा। पिछले वर्षों में कतिपय चावल मिलें ऐसी भी थीं, जो नॉन-हाइब्रिड धान की रिकवरी प्रतिशत कम होने के कारण सरकारी क्रय केंद्रों के धान की कुटाई पर ध्यान नहीं देती थीं। इसके साथ ही चावल मिलों के पास पर्याप्त राशि न होने के चलते वे अपनी मशीनों को समय से आधुनिक नहीं कर पाती थीं। अब छूट से प्राप्त धनराशि से वे अपनी क्षमता को बढ़ा सकते हैं, जिससे उत्तर प्रदेश में धान कुटाई की अतिरिक्त क्षमता देखने को मिलेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि पहले चावल के लिए 67 प्रतिशत रिकवरी निर्धारित की गई है। जब उत्तर प्रदेश सरकार को इस समस्या के बारे में जानकारी हुई कि हाइब्रिड धान की कुटाई में ब्रोकन राइस का प्रतिशत ज्यादा होने के कारण रिकवरी कम प्राप्त होती है, तो सरकार ने संज्ञान लेते हुए वर्ष 2018-19 से चावल मिलर्स को कुटाई में 3 प्रतिशत रिकवरी की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार के बजट से कर रही है।

उन्होंने कहा कि किसानों की ओर से हाइब्रिड धान के अलावा अन्य प्रजातियों के धान की फसल को भी लगाए जाने में प्रोत्साहन मिलेगा। इससे धान की देशी प्रजातियों की बुआई को बढ़ावा भी मिलेगा।

Source : IANS

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