Khabarwala 24 News Lucknow: MP Shafiqur Rahman समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हो गया है। वह लंबे समय से मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती थे। सांसद के पोते जियाउर्रहमान बर्क ने बताया कि उनके 93 वर्षीय दादा की अचानक तबीयत खराब हो गई थी। इसके बाद उन्हें मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गय था। इसके बाद उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ था।
उनकी अलग पहचान रही (MP Shafiqur Rahman)
मंगलवार सुबह उन्हें आईसीयू में ले जाया गया। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। चार बार विधायक और चार बार सांसद रह चुके डा. शफीकुर्रहमान बर्क 2019 में पांचवीं बार सांसद चुने गए। उम्र और अनुभव में वह मंडल के सबसे वरिष्ठ राजनेता रहे। अपने सियासी तेवरों के कारण उनकी अलग पहचान रही है।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, कई बार के सांसद जनाब शफीकुर्रहमान बर्क साहब का इंतकाल, अत्यंत दु:खद।
उनकी आत्मा को शांति दे भगवान।
शोकाकुल परिजनों को यह असीम दु:ख सहने का संबल प्राप्त हो।
भावभीनी श्रद्धांजलि ! pic.twitter.com/94zP5YZ9E9
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) February 27, 2024
बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के रह चुके हैं संयोजक (MP Shafiqur Rahman)
सांसद शफीकुर्रहमान बर्क बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक रह चुके थे। मुस्लिमों के मुद्दों को उठाने और वंदेमातरम पर अपने बयानों को लेकर सियासत में चर्चित रहे डा. शफीकुर्रहमान बर्क एक बार फिर सपा की सियासत में बड़ा चेहरा बनकर उभरे। उनका सियासी सफर 60 वर्ष से ज्यादा का था। वह1967 में संभल विधानसभा क्षेत्र से पहला विधानसभा चुनाव लड़े थे पर कामयाब नहीं हो सके थे। उन्हें राज्य विधानसभा के चुनाव में पहली कामयाबी 1974 में मिली थी। बीकेडी से विधायक चुने गए। इसके बाद 1977 में जनता पार्टी और 1985 में लोकदल, 1989 में जनता दल से विधायक बने।
मुलायम सरकार में थे होमगार्ड मंत्री (MP Shafiqur Rahman)
सांसद शफीकुर्रहमान बर्क एक बार मुलायम सिंह यादव की सरकार में होमगार्ड विभाग के मंत्री भी रहे। संसद में उन्होंने 1996 में कदम रखा। जनता दल के टिकट पर वर्ष 1996 के चुनाव में मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। इसके बाद वर्ष 1998 और 2004 में मुरादाबाद संसदीय सीट से सपा के सांसद चुने गए। जबकि 2009 में संभल लोकसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े और चौथी बार सांसद चुने गए। वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होंने सपा से लड़ा था पर मामूली अंतर से हार गए थे। वर्ष 2019 में सपा-बसपा-रालोद के गठबंधन से चुनाव जीते और पांचवीं बार सांसद चुने गए।