साहिल अंसारी, खबरवाला24 न्यूज, हापुड़ : सांसद कुँवर दानिश अली ने लोकसभा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के कल्याण के उपायों पर चर्चा के दौरान सदन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में लगभग 13 लाख 91 हजार 412 आंगनबाड़ी केंद्र हैं जो पिछले 9 दिसंबर 2022 को मंत्री जी के दिये जवाब से पता चला है कि उसमें करीब 25प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्र निजी भवनों में चल रहे हैं। मंत्री जी ने खुद माना है कि करीब 360000 आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय और स्वच्छता की व्यवस्था नहीं है।
आंगनवाड़ी केंद्रों में शौचालय बनाने के लिए नरेंद्र मोदी की सरकार ने वर्ष 2017, 2018 में केवल 12000 रुपए का प्रावधान किया था जो बहुत ही कम था अब उसको बढ़ा कर लगभग 36000 कर दिया गया है उम्मीद की जाती है कि आगे जो शौचालय बनेंगे वह अच्छे तरीक़े से बन पायेंगे।
कोरोना काल में स्वस्थ्य व्यवस्था को संभाला था
सांसद कुँवर दानिश अली ने आगे कहा कि यह कहना बहुत आसान है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकायें गांव में रहती हैं, लेकिन उनका काम बहुत ही महत्वपूर्ण है और जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि आपदा में अवसर तलाशना चाहिये। जब करोना काल में आपदा आयी तो देश की जनता, देश के राजनीतिक और नौकरशाह वर्ग को अंदाज़ा हुआ कि भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी चरमराई हुई है।
उस चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था को अगर किसी ने संभाला तो वो यही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकायें थीं जो गांव देहात में आशा वर्कर के नाम से जानी जाती हैं। उन्होंने करोना से लड़ने के लिए अपनी ज़िंदगी को ख़तरे में डालकर फ्रंट लाइन वर्कर्स का काम किया।
मां और अभिभावक के रूप में काम करती हैं
आंगनबाड़ी वर्कर्स आम जनता के लिए जो देहात में रहने वाले उन लोगों के लिए एक तरीक़े से अस्पताल, स्कूल और बच्चों का पालन पोषण करती हैं। यह एक गाइड, माँ और अभिभावक के रूप में काम करती हैं। लेकिन ये बहुत ही दुर्भाग्पूर्ण है कि सरकार इनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है इनकी स्थिति बहुत ही दयनीय है।
जानकारी के अनुसार केरल जैसे राज्य में उन्हें 12000 मानदेय दिया जाता है लेकिन उत्तर प्रदेश में आंगनवाड़ी वर्कर को सिर्फ़ 4500 मानदेय दिया जा रहा है यह बहुत ही अन्यायपूर्ण है।
सांसद दानिश अली ने सरकार से मांग की कि उत्तर प्रदेश के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 4000 से बढाया जाये और चतुर्थ श्रेणी में कार्यरत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को जो सुविधायें मिलती हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को वो तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जायें।