Khabarwala 24 News New Delhi : Indian Wedding भारत दुनिया का सबसे बड़ा विवाह स्थल है। यहां हर साल 80 लाख से एक करोड़ शादियां होती हैं, जबकि चीन में 70-80 लाख और अमेरिका में 20-25 लाख विवाह होते हैं। खास बात है कि आम देशवासी शिक्षा (स्नातक तक) की तुलना में विवाह समारोह पर दोगुना खर्च करते हैं। अमेरिकी जैसे देशों में यह खर्च शिक्षा की तुलना में आधे से भी कम है। ब्रोकरेज फर्म जेफरीज की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय विवाह उद्योग का आकार करीब 10 लाख करोड़ रुपये का है। यह अमेरिका के विवाह उद्योग का लगभग दोगुना है। हालांकि, चीन की तुलना में छोटा है।
साधारण से लेकर बेहद भव्य तक शादी (Indian Wedding)
अमेरिका में विवाह उद्योग का आकार 5.84 लाख करोड़ रुपये (70 अरब डॉलर) का है, जबकि चीन में यह 14.2 लाख करोड़ (170 अरब डॉलर) का है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय शादी कई दिनों तक चलती हैं और साधारण से भव्य तक होती हैं। इसमें क्षेत्र, धर्म और आर्थिक पृष्ठभूमि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
लाख करोड़ विवाह उद्योग का आकार (Indian Wedding)
भारत में एक शादी पर औसतन 12.50 लाख रुपये (15,000 डॉलर) खर्च होते हैं। यह रकम प्रति व्यक्ति या घरेलू आय का कई गुना है। शादियों में होने वाले कुल खर्च में दुल्हन के आभूषणों की हिस्सेदारी आधे से अधिक होती है। लग्जरी सेगमेंट में दुल्हन के लहंगों में भारी जटिल काम शामिल होता है।
अमेरिका की तुलना में करीब दोगुना (Indian Wedding)
कुछ मामलों में इन लहंगों का वजह 10 किलोग्राम तक भी हो सकता है। खर्चीली शादियों पर अंकुश लगाने के प्रयासों के बावजूद विदेशी स्थानों पर होने वाली आलीशान शादियां भारतीय वैभव को प्रदर्शित करती रहती हैं।
आभूषण व अन्य उत्पादों की खपत (Indian Wedding)
जेफरीज ने कहा, भारत में शादियां भव्य होती हैं। इनमें कई तरह के समारोह और खर्च होते हैं। शादियों के सीजन में आभूषण समेत कई उद्योगों में बिक्री बढ़ जाती है। शादियों के सीजन में आभूषण और परिधान जैसी श्रेणियों में खपत बढ़ती है। अप्रत्यक्ष रूप से ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को लाभ मिलता है।
खाद्य-किराना के बाद दूसरा उद्योग (Indian Wedding)
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में खपत श्रेणी में शादियों का दूसरा स्थान है। अगर शादी एक श्रेणी होती, तो खाद्य और किराना के बाद दूसरी सबसे बड़ी खुदरा श्रेणी होती। भारतीय खाद्य और किराना उद्योग का आकार 56.8 लाख करोड़ रुपये (681 अरब डॉलर) है।