Khabarwala 24 News New Delhi : Holi in Brajmandal ब्रज की होली देशभर में अधिक प्रसिद्ध है। इसमें शामिल होने के लिए देश-विदेश से लाेग आते हैं। ब्रजमंडल में होली का पर्व कई दिनों तक मनाया जाता है। इस त्योहार का होली के हुरियारों को बेसब्री से इंतजार रहता है। मथुरा, बरसाना, नंदगांव और वृंदावन में कई तरह की होली खेली जाती है। इनमें से लड्डू मार होली अधिक प्रसिद्ध है। इस होली में अधिक संख्या में भक्त शामिल होते हैं और लड्डू प्रसाद को पाकर स्वयं को खूब धन्य मानते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि लड्डू मार होली की शुरुआत कैसे हुई।
कब है लड्डू मार होली (Holi in Brajmandal)
लड्डू मार बरसाना के लाडिली जी के मंदिर में खेली जाती है। यह उत्सव लट्ठमार होली से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस बार 17 मार्च, 2024 दिन रविवार को लड्डू मार होली खेली जाएगी। इस उत्सव के दौरान लोग एक दूसरे पर लड्डू फेंक कर होली खेलते हैं।
कैसे हुई इसकी शुरुआत (Holi in Brajmandal)
लट्ठमार होली की तरह लड्डू मार होली भी अधिक प्रसिद्ध है। इस होली से जुड़ी कहानी भी रोचक है। पौराणिक कथा के अनुसार, द्वापर युग में बरसाने से होली उत्सव निमंत्रण लेकर सखियां नंदगांव गई थीं। उनके इस निमंत्रण को नंद बाबा ने स्वीकार किया और इस बात की जानकारी उन्होंने बरसाना में वृषभानु जी के पास भेजी। इसके पश्चात वृषभानु जी ने पुरोहित को लड्डू दिए। साथ ही इस दौरान श्री राधा रानी की सखियों ने उनको गुलाल लगाया। ऐसे में पुरोहित के पास गुलाल लगाने के लिए नहीं था, तो उन्होंने सखियों पर लड्डू फेंकने लगे। माना जाता है कि तभी से लड्डू मार होली की शुरुआत हुई। जो आज भी हर साल लड्डू मार होली खेली जाती है।
बेहद खास है ब्रज होली (Holi in Brajmandal)
बता दें कि लड्डू मार होली के आने का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। ब्रज में लड्डू मार होली उत्सव के दौरान गीत, पद-गायन की पंरपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। ब्रज में होली के कार्यक्रमों की शुरुआत बसंत पंचमी से हो जाती है।