Khabarwala 24 News New Delhi : Hit And Run Law हिट एंड रन मामले में सख्त कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों की देशव्यापी हड़ताल खत्म हो गई है। गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद ट्रांसपोर्टरों ने इसे खत्म करने का निर्णय लिया। मंगलवार शाम को केंद्रीय गृहसचिव ने अजय भल्ला ने कहा कि फिलहाल कानून को लागू नहीं किया जाएगा। इस हड़ताल के खत्म होने से लोगों को बड़ी राहत मिली है क्योंकि इसकी वजह से कई राज्यों में सप्लाई चेन बुरी तरह बाधित हुई थी और कई जगहों पर पेट्रोल और डीजल की किल्लत हो गई थी। पेट्रोल पंपों पर तेल लेने के लिए वाहनों की कतार लगनी शुरू हो गई थी।
सहमति कैसे बनी (Hit And Run Law)
हड़ताल के बाद जब देशभर से लोगों की दिक्कतें बढ़ने लगी तो सरकार तुरंत हरकत में आई और गृह सचिव ने मंगलवार को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की अजय भल्ला ने कहा, सरकार यह बताना चाहती है कि ये नए कानून और प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं। गृह सचिव अजय भल्ला ने बताया कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से दस साल की सजा वाले कानून पर चर्चा हुई। यह कानून अभी लागू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता के मसले पर हमारी मुलाकात और बातचीत हुई, अब हमें कोई दिक्कत नहीं है। सारे मसलों का समाधान हो गया है।
क्या थी दोनों पक्षों की क्या थी दलील (Hit And Run Law)
ट्रांसपोर्टरों की दलील (Hit And Run Law)
-ट्रासपोर्टरों का मानना था कि कानून बेहद सख्त है इससे ट्रक ड्राइवर बुरी तरह प्रभावित होंगे।
-जानबूझकर कोई भी एक्सीडेंट नहीं करता है और मौके पर अगर ड्राइवर पीड़ित की मदद करने रुकता है तो भीड़ उसपर जानलेवा हमला कर सकती है।
इस केस की वजह से कानूनी प्रक्रिया काफी लंबी और परेशान करने वाली हो सकती है। जो जुर्माना 7 लाख का है वो ट्रक ड्राइवर के लिए काफी ज्यादा है।
कई बार कोहरे या मौसम संबंधी अन्य कारणों की वजह से भी एक्सीडेंट होते हैं।
सरकार की दलील (Hit And Run Law)
-इस कानून को सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक बनाया है।
-यदि कोई हादसा होता है और मौके पर ही घायल की मदद की जाती है तो 80 प्रतिशत घायलों की जान बच जाती है।
-वाहन चालक जिम्मेदार बनें और यदि उन्हें घटनास्थल पर हिंसा का डर है तो वह कुछ दूर जाकर पुलिस-प्रशासन को सूचना दे सकते हैं।
-सरकार ने दलील दी की इस कानून में पुलिसया मनमानी पर भी रोक के प्रावधान हैं।
बुरी तरह प्रभावित हुआ जनजीवन (Hit And Run Law)
मंगलवार को ट्रक चालकों के आंदोलन के कारण मध्य प्रदेश, दिल्ली, यूपी, बिहार, गुजरात सहित देश के कुछ राज्यों में आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा था। इस दौरान ट्रक और बस चालक सड़कों से दूर रहे जबकि ईंधन की कमी की आशंका के बीच कई शहरों में पेट्रोल पंप पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। चालकों के आंदोलन के कारण अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) और राजमार्गों पर भी लोग फंसे रहे। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में तो पुलिस और ट्रक ड्राइवरों के बीच जबरदस्त झड़प हुई थी जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे।
सप्लाई चेन बाधित होने का मंडरा रहा था खतरा (Hit And Run Law)
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से जुड़े लोगों का कहना है कि देश में 95 लाख ट्रक-टैंकर हैं. हड़ताल के बाद इनमें से 30 लाख से ज्यादा ट्रक-टैंकर की सेवाएं ठप हो गई थीं । जिससे सप्लाई चेन बाधित होने का खतरा मंडरा गया था। अगर हड़ताल लंबी चलती तो राशन, दूध फलों और सब्जियों की आपूर्ति बाधित होने का खतरा मंडरा जाता है जिससे इनके दाम भी बढ़ जाते। इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ता और दवाओं की भी किल्लत हो सकती थी। सरकार तुरंत हरकत में आई और बातचीत के जरिए मामले को सुलझा लिया गया।