Khabarwala 24 News Hapur: Hapur नगर पालिका परिषद क्षेत्र के 45 हजार भवन स्वामियों पर टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा। नगर पालिका करीब 10 से 11 गुना तक टैक्स बढ़ाने जा रही है। एक अप्रैल से शहरवासियों को नया टैक्स देना होगा। हालांकि, शासन के आदेश पर पालिका ने सार्वजनिक सूचना जारी करते हुए 15 दिन में आपत्ति मांगी है। इसके बाद फरवरी के अंत और मार्च माह की शुरूआत में आपत्तियों का निस्तारण कर नए टैक्स की सूचना जारी की जाएगी। पूरे प्रदेश में इस व्यवस्था को लागू किया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला (Hapur)
पालिका के कर निर्धारण कार्यालय में करीब 43 हजार आवासीय और दो हजार व्यावसायिक भवन हैं। इन भवनों पर अंतिम बार वर्ष 2013 में स्व:कर प्रणाली लागू करते हुए नया टैक्स लगाया गया था। उस समय भी करीब दस गुना तक टैक्स बढ़ा था। साथ ही भवन स्वामी के आवेदन के बाद पालिका के कर्मचारी जांच करते थे और टैक्स को लागू किया जाता था।
वर्तमान में पालिका द्वारा इन भवनों से गृह, जल और सीवर कर वसूला जाता है। जिससे पालिका को लक्ष्य के अनुसार पूरे वर्ष में करीब 11 करोड़ रुपये की आय होती है।शासन का उद्देश्य है कि नगर पालिकाएं अपने आय के स्रोत बढ़ाएं। इनसे होने वाली आय से ही भविष्य में शहर में विकास कार्य अधिक कराए जाएंगे। नगर पालिका की सबसे बड़ी आय का स्त्रोत भी कर और करेत्तर की वसूली है। शासन के आदेश के बाद अब भवनों पर नया बढ़ा हुआ टैक्स लगाने की तैयारी है।
सर्किल रेट के अनुसार देना होगा टैक्स (Hapur)
वर्ष 2013 में जिस समय गृह, जल और सीवर कर बढ़ाया गया था, उस समय के सर्किल रेट के अनुसार भवन पर प्रति वर्ग गज 20 पैसा लिया गया था। इस बार भी पालिका अधिकारियों ने सर्किल रेटों को ही आधार वाला फार्मूला अपनाया है। हालांकि, शहर में अंतिम बार करीब सात साल पहले सर्किल रेट बढ़े थे। यदि यह सर्किल रेट बढ़ जाते तो शहरवासियों की जेब और अधिक ढीली होती।
आपत्तियों के निस्तारण के लिए बनाई कमेटी (Hapur)
आपत्तियों का निस्तारण करने के लिए एक कमेटी भी बनाई गई है, जिसमें पालिका के अधिशासी अधिकारी को अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा कर निर्धारण अधिकारी को सचिव और अकाउंटेंट, जलकल विभाग के सहायक अभियंता, कर निरीक्षक, कर लिपिक, सहायक लेखाकार आदि को सदस्य बनाया गया है। हालांकि, टैक्स कितना गुना बढ़ेगा, यह कमेटी का निर्णय ही तय करेगा।
पहले भी हुआ था हंगामा (Hapur)
पिछली बार भी जब वर्ष 2013 में नया टैक्स लागू हुआ था तो इसका सबसे अधिक विरोध व्यापारियों ने किया था। कई बार हुए हंगामे के बाद तत्कालीन पालिकाध्यक्षों के समय बोर्ड बैठकों तक मुद्दा उठा था। बाद में व्यापारियों की मांगों को मानते हुए टैक्स की दरें कम की गई थीं।
क्या कहते हैं अफसर (Hapur)
भवन स्वामियों को 15 दिन के अंदर आपत्ति देनी होंगी। इसके साथ ही 15 दिन का समय लगभग सुनवाई का रहेगा। जिसके बाद कमेटी नए टैक्स को लागू करेगी। शासन के आदेश पर पूरी प्रक्रिया शुरू हुई है। मनोज कुमार, ईओ व डिप्टी कलक्टर
