Khabarwala 24 News Hapur: Hapur सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी, एसटी आरक्षण के उपवर्गीकरण पर दिए गए फैसले के विरोध में बुधवार को बसपा, सपा, भीम आर्मी, हापुड़ बार एसोसिएशन व अन्य संगठनों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन के अधिकारियों को सौंपा। इस दौरान संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया गया था। जिसको देखते हुए जिले में सुरक्षा व्यवस्था बेहद ही कड़ी की गई थी।

बसपा पदाधिकारियों ने सौंपा ज्ञापन (Hapur)
बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकारी बुधवार सुबह को मेरठ तिराहा स्थित डाक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर एकत्रित हुए। जहां से वह जिला मुख्यालय पहुंचे और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि 01 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी, एसटी आरक्षण के उपवर्गीकरण पर सात न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ द्वारा दिए गए फैसले से देश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों को पुन: उपवर्गीकरण किए जाने की मान्यता प्रदान की गई है। जिसे लेकर और भी बहुत सारी बातें कही गई हैं7 इस निर्णय से बसपा सहमत नहीं है और इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट द्वारा देवेंद्र सिंह बनाम पंजाब राज्य मामले में पारित इस आदेश के अनुसार अब राज्य सरकारें, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के भीतर के लिए उपवर्गीकरण अर्थात नई सूची बना सकेंगी। जिससे अनके समस्याएं उत्पन्न होंगी। सुप्रीम कोर्ट ने 20 साल पहले दिए गए निर्णय 2004 में पांच न्यायाधीशों वाली संवैधानिक पीठ द्वारा ईवी.चिलैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य में दिए गए फैसले को पलट दिया है। जिस आदेश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के भीतर किए जाने वाले वर्गीकरण को मान्यता देने से इंकार कर दिया था और यह भी कहा था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति उपवर्गीकरण नहीं किया जा सकता। बसपा पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति से मांग की सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ द्वारा दिए गए निर्णय जिसमें उपवर्गीकरण व क्रीमीलेयर सहित इन वर्गों की आरक्षण के संदर्भ में परिवर्तन किया गया है। उस परिपेक्ष में संसद का विशेष सत्र बुलाकर पीठ द्वारा दिए गए निर्णय को निरस्त कराने और आरक्षण के मूल स्वरूप से पहले से लागू, उस स्वरूप को बहाल कराने और एससी, एसटी के आरक्षण में राजनैतिक द्वेष के कारण बार-बार जो छेड़छाड़ की जाती है। आरक्षण को संविधान की नौवीं सूची में दर्ज कराए। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष डा.के.कर्दम, पालिकाध्यक्ष पति श्रीपाल सिंह समेत अनेक बसपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे।
समाजवादी पार्टी ने भी सौंपा ज्ञापन (Hapur)
बुधवार को समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष आनंद गुर्जर एडवोकेट के नेतृत्व में भी पदाधिकारी जिला मुख्यालय पहुंचे। जहां पर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में बताया गया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा आरक्षण के वर्गीकरण के पक्ष में अपना फैसला सुना है। जिसके बाद से एससी, एसटी वर्ग के आरक्षण पर प्रश्न चिंह लग गया है। तभी से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एससी,एसटी आरक्षण वर्ग के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। सपा एससी, एसटी वर्ग का अहित नहीं होने देना चाहती। इसलिए पार्टी की ओर से बुधवार को धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।
भीम आर्मी एकता मिशन ने भी सौंपा ज्ञापन (Hapur)
भीम आर्मी भारत एकता मिशन के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया। जिसमें कहा गया कि बाबा साहब डाक्टर भीमराव अंबेडकर के अथक प्रयास से भारत के संविधान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए अनुच्छेद 340 की धारा 15-4 एवं 16-4 में स्पष्ट रूप से सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है। आरक्षण की व्यवस्था 15 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 7.5 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति और 27 प्रतिशत अन्य पिछड़े वर्गों के लिए की गई है। इसी के तहत इन वर्गों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने जातिगत जनगणना कराने, अनुसूचित जाति और जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों का आरक्षण काेटा सभी विभाग में पूरा कराने, गैर सरकारी संस्थानों में भी आरक्षण व्यवस्था लागू कराने की मांग की।
अधिवक्ताओं ने भी सौंपा ज्ञापन (Hapur)
हापुड़ बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बुधवार को बाइक रैली निकाली और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम कार्यालय में दिया। जिसमें अधिवक्ताओं ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक अगस्त को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण के संबंध में पारित निर्णय को वापस लिए जाने की मांग की।हापुड़ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामनिवास सिंह के नेतृत्व में बार के पदाधिकारी ने डीएम कार्यालय में दिया। इस अवसर पर रामनिवास सिंह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय संविधान विरोधी होने के कारण वापस लिया जाए। अधिवक्ता अनिल आजाद ने कहा कि जब तक देश में जातियां हैं और जाति के आधार पर भेदभाव है। तब तक एससी एसटी का आरक्षण जारी रहना चाहिए। ज्ञापन देने वालों में रविंद्र निमेष, महेंद्र सिंह, रमेश चंद्रा, सुशील आजाद, अभिषेक आजाद, संजीव पूठा, सुनील कुमार, गुलाब सिंह, विजय कुमार, किरन सिद्धार्थ, महेंद्र सिंह, मनोज आदि मौजूद रहे।
पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था रही कड़ी (Hapur)
विभिन्न संगठनों के ज्ञापन सौंपने की वजह से पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था बेहद ही कड़ी रही। पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने खुद सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली और उन्होंने भ्रमण कर पुलिस के जवानों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। पूरे जिले में पीएसी और आरएएफ के जवानों को सुरक्षा में लगाया गया था।