Khabarwala 24 News New Delhi: hanuman गौरिहार जनपद के क्यूटी गांव में एक ऐसी अद्भुत हनुमान जी की मूर्ति स्थित है, जिसकी चमत्कारी शक्तियों के बारे में सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। इस मूर्ति के बारे में दिलचस्प बात यह है कि न तो यहां कोई मंदिर है, न ही कोई पुजारी। फिर भी, इस मूर्ति के दर्शन के लिए कई सौ सालों से श्रद्धालु लगातार यहां आते रहे हैं। इतना ही नहीं, यह आस्था सिर्फ मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के झांसी से भी लोग यहां श्रद्धा से पहुंचते हैं।
शेयर किया मूर्ति का इतिहास (hanuman)
मीडिया से बातचीत में पं. दिवाकर पयासी ने बताया, “मैं पिछले 50 वर्षों से इस मूर्ति के दर्शन करने आता हूं। मूर्ति का इतिहास काफी पुराना है, लेकिन इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। यह मूर्ति हमारे पिताजी के पिताजी, हमारे पुरखे भी देखते आए हैं। यहां बहुत चमत्कार देखने को मिले हैं, जैसे जिन लोगों को संतान नहीं होती थी, उन्हें संतान प्राप्ति हुई। यह मूर्ति पहाड़ के नीचे बसे गांव की रक्षा करती है।”
मूर्ति का आग लगने के बाद बदल गया आकार (hanuman)
पं. दिवाकर पयासी आगे बताते हैं, “पहले इस चमत्कारी मूर्ति का आकार बहुत स्पष्ट दिखता था, लेकिन एक बार यहां आग लग गई थी, जिसके बाद मूर्ति का आकार कुछ बदल गया। फिर भी लोगों की आस्था में कोई कमी नहीं आई। आज भी लोग इस मूर्ति के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते हैं, खासकर झांसी से।”
श्रद्धालु मानते हैं इसे आदिशक्ति का रूप (hanuman)
पन्ना के अजयगढ़ से आए श्रद्धालु बताते हैं, “यह मूर्ति किसी ने बनाई नहीं है, बल्कि यह खुद-ब-खुद इस विशाल चट्टान में प्रकट हुई है। हम यहां एक बार भी पुजारी के बिना नहीं आए। हमने प्रसाद चढ़ाया है, तो साथ में पुजारी भी लेकर आए हैं।”
मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु चढ़ाते हैं प्रसाद (hanuman)
श्रद्धालु अपनी आस्था का इज़हार करते हुए कहते हैं, हमने 3 साल पहले यहां पुत्र की मनोकामना लेकर आए थे, और आज हमारे घर में पुत्र की किलकारी गूंज रही है। इसलिए हमने यहां शुद्ध घी और बेसन से बने लड्डू का प्रसाद चढ़ाया है।
इस चमत्कारी हनुमान जी की मूर्ति से जुड़ी आस्था और विश्वास ने इस स्थान को एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल बना दिया है, जहां श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं के साथ आते हैं और उनकी इच्छाएं पूरी होने पर प्रसाद चढ़ाते हैं। यह मूर्ति एक रहस्य बनकर आज भी लोगों की आस्था का केंद्र बनी हुई है।