Khabarwala 24 News New Delhi: Earthquake दिल्ली-एनसीआर और बिहार समेत देश के कई हिस्सों में सुबह-सुबह धरती कांपी है। दिल्ली-एनसीआर, एमपी और बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर समेत उत्तर भारत में मंगलवार तड़के सुबह करीब 6.35 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप इतना तेज था कि कई सेकेंड तक चीजें हिलने लगीं। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद समेत एनसीआर में रहने वाले लोगों की भूकंप से नींद खुली। भूकंप इतना तेज था कि लोग डरकर नींद से उठ गए और घर से बाहर निकल आए. फिलहाल, किसी नुकसान की खबर नहीं है। नेपाल में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 रही।
भूकंप में तेज झटके महसूस किए (Earthquake )
दिल्ली-एनसीआर और बिहार के अलावा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के भी कई शहरों में धरती डोली है। खासकर उत्तर भारत के कई शहरों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नेपाल बॉर्डर पर तिब्बत के पास बताया जा रहा है। इसकी तीव्रता 7.1 थी. यह 6.35 बजे आया. अब तक इस भूकंप से किसी के हताहत होने की भी खबर नहीं है। इससे एक दिन पहले महाराष्ट्र के पालघर वाले इलाके में सोमवार को भूकंप आया था। उस भूकंप की तीव्रता करीब 4 थी।
हिलती रही धरती (Earthquake)
बिहार के कई जिलों मोतिहारी, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया, सिवान, अररिया, सुपौल और मुजफ्फरपुर में सुबह 6.40 बजे के आसपास भूकंप के झटके महसूस हुए। माल्दा सहित उत्तर बंगाल के कुछ हिस्सों और सिक्किम में भी धरती हिलती रही। कहा जा रहा है कि पांच सेकंड तक धरती हिलती रही। लोग भूकंप के झटके महसूस होने पर डरकर अपने घरों से बाहर निकलने लगे। यूएसजीएस अर्थक्वेवक्स के मुताबिक, नेपाल में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 रही। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल-तिब्बत सीमा के पास शिजांग में रहा।
क्यों आता है भूकंप? (Earthquake)
धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं। एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है। इसे ही भूकंप कहते हैं। भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं। जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं।
रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है। भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से नापा जाता है। यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है। 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है। 9 यानी सबसे ज्यादा। बेहद भयावह और तबाही वाली लहर। ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं। अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है।
कितनी तीव्रता कितनी खतरनाक?(Earthquake)
कोई भूकंप कितना खतरनाक है? इसे रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खतरनाक होता है.
– 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है।
– 2 से 2.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
-3 से 3.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे मानो बगल से कोई ट्रक गुजर गया हो।
– 4 से 4.9 की तीव्रता के भूकंप में खिड़कियां टूट सकतीं हैं। दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
– 5 से 5.9 की तीव्रता वाले भूकंप में घर का फर्नीचर हिल सकता है।
– 6 से 6.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों की नींव को दरका सकता है, ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है।
– 7 से 7.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतें ढह जातीं हैं। जमीन के अंदर पाइप लाइन फट जातीं हैं।
– 8 से 8.9 की तीव्रता के भूकंप में इमारतों के साथ-साथ बड़े-बड़े पुल भी गिर सकते हैं।
– 9 या उससे ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आने पर जमकर तबाही मचती है। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती हिलती हुई दिखाई देगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी आ सकती है।