खबरवाला 24 न्यूज, हापुड़: कलक्ट्रेट में आयोजित किसान समाधान दिवस में विद्युत लाइन डालते समय बर्बाद धान की फसल का किसान ने मुआवजा मांगा। आरोप है कि किसान के साथ विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता ने अभद्रता कर दी। विरोध में तमाम किसान संगठनों के पदाधिकारियों और सदस्यों ने समाधान दिवस का बहिष्कार कर कलक्ट्रेट के बाहर धरना पर बैठ गए। अधिशासी अभियंता का कहना है कि किसान के साथ अभद्रता नहीं की गई। आरोप निराधार है।
गांव श्यामनगर निवासी किसान ब्रह्मदत्त शर्मा के धान के खेत में लाइन खींचते समय उसकी काफी फसल बर्बाद हो गई थी। शिकायत पर उस समय किसान को मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन कई महीने बीतने पर भी मुआवजा नहीं मिला।
बुधवार को किसान दिवस में किसान ब्रह्मदत्त शर्मा ने विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता के समक्ष मुआवजा की मांग रखी। आरोप है कि अधिशासी अभियंता ने किसान की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया और अभद्रता की। इस बीच किसान दिवस में उपस्थित भाकियू टिकैत के जिलाध्यक्ष दिनेश खेड़ा, भाकियू अराजनैतिक के जिलाध्यक्ष पवन हूण, भाकियू भानु के जिलाध्यक्ष सरनजीत गुर्जर देवेंद्र बाना, राजवीर भाटी के नेतृत्व में सभी किसानों ने किसान दिवस का बहिष्कार कर दिया। उनका कहना था कि किसानों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अधिकारियों ने किसान संगठनों के पदाधिकारियों और सदस्यों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन किसान नहीं माने और कलक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठ गए। अधिकारियों के हस्ताक्षेप के बाद अधिशासी अभियंता को किसानों के बीच भेजा ।
किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने अधिशासी अभियंता से कहा कि वह पीडि़त किसान को संतुष्ट कर दें। अधिशासी अभियंता ने किसान वार्ता की और तत्काल प्रभाव से संंबंधित बिजलीघर के लाइनमैन को हटाने के आदेश दिए। इस पर किसानों ने धरना खत्म किया। धरना प्रदर्शन करने वालों में धनवीर शास्त्री, राजवीर सिंह, रवि भाटी, धीरेंद्र त्यागी, नानक चंद शर्मा, अजय त्यागी आदि माौजूद रहे।