कोलकाता, 3 नवंबर (khabarwala24)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के चकदाहा स्थित एक बढ़ई के घर पर फर्जी पासपोर्ट मामले की जांच के सिलसिले में छापा मारा।
ईडी सूत्रों के अनुसार, आरोपी बिप्लब सरकार के परिसरों में छापेमारी की गई। बिप्लब पर फर्जी पासपोर्ट जारी करने वाले एजेंट होने का संदेह है। यह छापेमारी इस साल की शुरुआत में गिरफ्तार किए गए एक पाकिस्तानी नागरिक आजाद मलिक से जुड़े मामले की जांच के तहत की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि बिप्लब सरकार का नाम एक अन्य आरोपी इंदु भूषण हलदर से पूछताछ के दौरान सामने आया, जिसे पिछले महीने विदेशियों को पैसे के बदले भारतीय पहचान पत्र (पासपोर्ट) दिलाने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बिप्लब सरकार के परिवार के सदस्य भी इसी तरह की गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में जांच के घेरे में हैं।
ईडी की टीम सोमवार सुबह चकदाहा के परारी गांव में बिप्लब सरकार के घर पहुंच गई। मिट्टी से बने घर में तलाशी अभियान शुरू हुआ। इस दौरान टीम को पासपोर्ट मिला है।
ईडी इस बात की जांच कर रही है कि फर्जी पासपोर्ट कैसे बनाए गए और सभी लोग कहां-कहां गए। जांच एजेंसी ने आरोपी के परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ की।
गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में फर्जी पासपोर्ट मामले में पाकिस्तानी नागरिक आजाद मलिक को गिरफ्तार किया गया था। उस समय ईडी ने उत्तर 24 परगना और नदिया जिलों में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास कई जगहों पर तलाशी ली थी।
सोमवार की तलाशी भी उन्हीं सूत्रों पर आधारित है। पिछले महीने, पासपोर्ट जालसाजी के एक मामले में इंदु भूषण हलधर नाम के एक आरोपी को नदिया में गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में पता चला था कि इंदु भूषण ने आजाद मलिक का भारतीय पासपोर्ट नवीनीकृत करवाया था।
सूत्रों ने बताया कि बिप्लब सरकार का संबंध इंदु भूषण से है और पता चला है कि चकदाहा स्थित इंदु भूषण के साइबर कैफे से लगभग 350 फर्जी पासपोर्ट आवेदन किए गए थे।
उस सूचना के आधार पर ईडी ने बिप्लब सरकार के घर पर छापा मारा। हालांकि वह एक बढ़ई का काम करता है, जांचकर्ता यह पता लगा रहे हैं कि क्या उसका कोई बांग्लादेशी कनेक्शन है। कारण यह है कि इंदु भूषण कई मामलों में नकली फोटो पहचान पत्र भी बनाता था।
जांचकर्ता उसकी ट्रैवल हिस्ट्री और उसके सभी बैंक लेन-देन की जांच कर रहे हैं। अधिकारी उसके भाई बिपुल सरकार और उनके परिवार के सदस्यों के दस्तावेजों और पासपोर्ट की भी जांच कर रहे हैं। साथ ही मोबाइल फोन की भी जांच हो रही है।
पिछले साल के अंत में पुलिस ने पश्चिम बंगाल से संचालित नकली भारतीय पासपोर्ट रैकेट की जांच शुरू की थी और कई गिरफ्तारियां भी की थीं। मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू को देखते हुए ईडी ने भी जांच अपने हाथ में ले ली थी। इसके बाद अप्रैल में, ईडी अधिकारियों ने आजाद मलिक को गिरफ्तार कर लिया था
ईडी अधिकारियों की जांच से पता चला कि हवाला और नकली भारतीय पासपोर्ट रैकेट चलाने के अलावा आजाद मलिक उन देशों की यात्रा करने के इच्छुक लोगों के लिए नकली वीजा की व्यवस्था करने में भी शामिल था।
राज्य पुलिस ने इस मामले में पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया है, जिसमें 130 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें से 120 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया है।
Source : IANS
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