खबरवाला 24 न्यूज हापुड़ : जनपद हापुड़ के थाना हापुड़ देहात क्षेत्र के कोटला सादात में एक छह साल का मासूम मंगलवार को नगर पालिका के बंद पड़े नलकूप के बोरवेल में गिर गया जिससे क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। आनन फानन में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए और बच्चे को बोरवेल से निकलवाने का प्रयास शुरू कराया गया। गाजियाबाद से आई एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू आपरेशन जारी कर दिया है।
जानकारी के अनुसार कोटला सादात निवासी मोहसिन का छह वर्षीय पुत्र खेल रहा था। अचानक वह नगर पालिका के बंद पड़े नलकूप के पास पहुंचे और वहां खुले पड़े बोरवेल में गिर गया। हादसे की जानकारी मोहल्ले में आग की तरह फैल गई। काफी संख्या में लोग और बच्चे के परिजन मौके पर पहुंचे।
पुलिस व प्रशासन के अफसर मौके पर पहुंचे
बच्चे के बोरवेल में गिरने की सूचना मिलते ही डीएम मेधा रूपम, एसपी दीपक भूकर, अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, एसडीएम समेत अनेक अधिकारी मौके पर पहुंचे गए और बच्चे को निकलवाने का प्रयास शुरू कर दिया। इसी बीच गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई और बच्चे को सकुशल निकालने के प्रयास में जुट गए। रोशनी के लिए कैमरे और टार्च भी बोरवेल में भेजे गए हैं।
बोरवेल से आ रही बच्चे के रोने की आवाज
बोरवेल से बच्चे के रोने की आवाज आ रही है। वह सुनने और बोलने में असक्षम है। पुलिस व प्रशासनिक अमला उसे बचाने में लगा हुआ है। बताया गया कि करीब 50 फीट गहरा बोरवैल हो सकता है। जिसमें बच्चा गिरा है उसकी चौड़ाई करीब डेढ़ फुट है।
नगर पालिका ने बंद नहीं कराया था बोरवेल का गड्ढा
लोगों ने बताया कि नगर पालिका का यहां नलकूप था, जो बंद हो गया था। बोरवेल का गड्ढा पालिका ने बंद नहीं कराया। अफसरों ने भी इस ओर कोई सुध नहीं है। बताया गया कि कुछ लोगों ने बच्चे को कुछ देर पहले वहां कुत्ते के साथ खेलते हुए देखा था।
लोहे के रिंग का फंदा बनाकर निकालने का प्रयास़
एनडीआरएफ की टीम ने लोहे के रिंग का फंदा बनाकर बच्चे को निकालने का प्रयास शुरू किया। हालांकि इसमें अभी सफलता नहीं मिली है। बार बार रस्सा डाला जा रहा है, लेकिन बच्चा उसे पकड़ नहीं पा रहा है।
बच्चे को पिलवाया दूध
बच्चे के लिए रस्सी की मदद से दूध की बोतल वोरवेल में डाली गई। बताया गया कि बच्चे ने दूध पी लिया। लेकिन वह रस्से को नहीं पकड़ पा रहा है।
इमरजेंसी वार्ड बनाने दिए निर्देश
दुर्घटना की सूचना मिलते ही मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टर सुनील कुमार त्यागी भी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने सीएचसी में बच्चे के लिए इमरजेंसी वार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि उसके निकलते ही उसे बेहतर उपचार दिया जा सके।