Khabarwala 24 News New Delhi : Bhai Dooj 2024 Shubh Muhurt भाई दूज के मौके पर बहन अपने भाई के माथे पर तिलक करती है। इसके साथ ही उसके हाथ पर कलावा बांधती है। साथ ही भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। भाई दूज का त्योहार तीन नवंबर यानी रविवार को मनाया जाएगा।
भाई दूज के साथ ही कार्तिक पंचपर्व का समापन भी हो जाएगा। ऐसी मान्यता है कि भाई दूज के मौके पर जो भाई अपनी बहन से तिलक करवाता है, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। जानिए भाई दूज का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि है…
भाई दूज का शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj 2024 Shubh Muhurt)
भाई दूज पर भाई को तिलक करने का इस साल शुभ मुहूर्त दोपहर एक बजकर 10 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 3 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। यह शुभ मुहूर्त 2 घंटे 12 मिनट का रहेगा। शाम के समय घर के बाहर एक मिट्टी के कलश में जल भरकर रख दें। यह कलश घर की बाईं ओर रखा गया हो। जिसके बाद कलश के ऊपर सरसों के तेल का चौमुखी दीया जलाएं। इसके साथ ही प्रार्थना करें कि घर के सभी लोगों की दीघार्यु हो और सभी सेहतमंद रहें। इसके बाद अगली सुबह कलश का जल घर के एक कोने में छिड़क दे।
कैसे मनाएं भाई दूज (Bhai Dooj 2024 Shubh Muhurt)
भाई दूज के दिन भाई को सबसे पहले प्रातःकाल चन्द्रमा के दर्शन करना चाहिए, जिसके बाद शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए। वहीं भाई दूज के मौके पर बहनें, भाई के तिलक और आरती के लिए थाल सजाएं। थाल में कुमकुम, सिंदूर, चंदन, फल, फूल, मिठाई और सुपारी आदि सामग्री होनी चाहिए। तिलक करने से पहले चावल के मिश्रण से एक चौक बनाएं। इसके बाद चौक पर भाई को बैठाकर शुभ मुहूर्त में बहन उसका तिलक करे। तिलक करने के बाद बहन अपने भाई को सुपारी, पान, बताशे, फूल और काले चने देकर आरती उतारे। तिलक और आरती होने के बाद भाई अपनी बहन उपहार भेंट करे व सदैव उसकी रक्षा का वचन दे।
यह है पौराणिक कथा (Bhai Dooj 2024 Shubh Muhurt)
भाई दूज को लेकर पौराणिक मान्यता के अनुसार यमुना ने इसी दिन अपने भाई यमराज की लंबी आयु के लिए व्रत किया था और उन्हें अन्नकूट का भोजन खिलाया था। कथा के अनुसार यम देवता ने अपनी बहन को इसी दिन दर्शन दिए थे। यम की बहन यमुना अपने भाई से मिलने के लिए अत्यधिक व्याकुल थी। अपने भाई के दर्शन कर यमुना बेहद प्रसन्न हुई। यमुना ने प्रसन्न होकर अपने भाई की बहुत आवभगत की।
स्नान करने का महत्व (Bhai Dooj 2024 Shubh Muhurt)
यम ने प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि इस दिन अगर भाई-बहन दोनों एक साथ यमुना नदी में स्नान करेगें, तो उन्हें मुक्ति प्राप्त होगी। इसी कारण से इस इन यमुना नदी में भाई-बहन के साथ स्नान करने का बड़ा महत्व है। इसके अलावा यम ने यमुना ने अपने भाई से वचन लिया कि आज के दिन हर भाई को अपनी बहन के घर जाना चाहिए तभी से भाई दूज मनाने की प्रथा चली आ रही है। भाई दूज यानी यम द्वितीया पर यमराज को प्रसन्न करने के लिए बहनें व्रत भी रखती हैं।
चित्रगुप्त की उपासना (Bhai Dooj 2024 Shubh Muhurt)
भाई दूज के दिन यमराज के साथ उनके सचिव चित्रगुप्त की भी पूजा की जाती है। भाई दूज के दिन सुबह के समय पूर्व दिशा में चौक बनाएं। इस पर चित्रगुप्त भगवान की प्रतिमा को स्थापित करें। भगवान के समक्ष घी का दीप जलाएं. पुष्प और मिष्ठान्न अर्पित करें। इसके बाद एक कलम भी अर्पित करें फिर सफेद कागज पर हल्दी लगाएं और “श्री गणेशाय नमः” उस पर लिखे दें। फिर “ॐ चित्रगुप्ताय नमः” 11 बार लिखें। भगवान चित्रगुप्त से विद्या, बुद्धि और लेखन का वरदान मांगें। इसके बाद अर्पित की हुई कलम को सुरक्षित रखें और इसका इस्तेमाल पूरे साल करें।