Khabarwala24 News New Delhi : 2000 रुपये (2000 Note) का देश में नोट बंद करने का मामला अब दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) पहुंच गया है। बीजेपी (BJP) नेता अश्विनी उपाध्याय ने इसे लेकर कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया कि 2000 के नोट बिना किसी जमा पर्ची और पहचान प्रमाण के बैंक में जमा करना या एक्सचेंज (बदलना )करना मनमाना, तर्कहीन और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करते हैं।
RBI और SBI को निर्देश देने की मांग :
इसके साथ ही इसमें RBI और SBI को निर्देश देने की मांग की है कि 2000 के नोट संबंधित बैंक खातों में ही जमा जाए, ताकि कोई भी अन्य बैंक खातों में पैसा जमा न कर सके और काला धन और आय से अधिक संपत्ति रखने वाले लोगों की आसानी से पहचान हो सके। भ्रष्टाचार, बेनामी लेनदेन को खत्म करने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए केंद्र को काले धन और आय से अधिक संपत्ति धारकों के खिलाफ उचित कदम उठाने का निर्देश देने की मांग की है।

डरने की कोई बात नहीं :
आपको बता दे कि पिछले सप्ताह रिजर्व बैंक (RBI)ने एक बड़ा फैसला लेकर फिर से नोटबंदी की यादें ताजा करा दी थी। सेंट्रल बैंक ने कहा था कि 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर किया जा रहा है। आरबीआई के इस एलान के बाद से कई लोगों को डर सताने लगा है कि अब उनके पास रखे 2000 के नोट का क्या होगा। हालांकि, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये नोट तत्काल प्रभाव से बंद नहीं किए गए हैं। लोग लेन-देन में अभी भी इन नोटों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
23 मई से बैंकों में बदलवाया जा सकता है :
रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का ऐलान करते हुए बताया कि इन्हें 23 मई से बैंकों में बदलवाया जा सकता है। रिजर्व बैंक के अनुसार, 31 मार्च 2018 को 2000 रुपये के नोटों का सर्कुलेशन 6.73 लाख करोड़ रुपये के बराबर था, जो 31 मार्च 2023 को कम होकर 3.62 लाख करोड़ रुपये पर आ चुके है। यह 2000 के नोट सर्कुलेशन के सभी नोटों का महज 10.8 प्रतिशत हिस्सा हैं।